चेन्नई की एक चुनावी रैली में अभिनेता से नेता बने और मक्कल निधि मय्य्म पार्टी के संस्थापक कमल हासन द्वारा नाथूराम गोडसे को हिन्दू आतंकवाद से जोड़ने पर मचा घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है. सोमवार को इसे लेकर चुनाव आयोग पहुँचने वाली बीजेपी मंगलवार को हाईकोर्ट पहुँच गयी. बीजेपी नेता और वरिष्ठ अभिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने हासन के बयान पर आपत्ति जताते हुए हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है.
बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय की याचिका का मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और न्यायमूर्ति एजे भंभानी की पीठ के समक्ष उल्लेख किया गया. उन्होंने चुनावी फायदे के लिए धर्म के इस्तेमाल पर उम्मीदवारों पर पाबंदी लगाने और पार्टियों का पंजीकरण रद्द करने की मांग की है. पीठ ने उपयुक्त पीठ के सामने बुधवार को याचिका को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने को मंजूरी दे दी. पेशे से वकील उपाध्याय ने आरोप लगाया है कि हासन ने चुनावी फायदे के लिए अधिकतर मुस्लिमों की मौजूदगी वाली भीड़ के सामने ‘जानबूझकर’ इस तरह की टिप्पणी की.
याचिका में कहा गया है कि जनप्रतिनिधित्व कानून, 1951 के तहत यह साफ तौर पर भ्रष्ट आचरण है. मक्कल नीधि मय्यम पार्टी के अध्यक्ष हासन ने एक चुनावी रैली में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को आजाद भारत का पहला हिन्दू उग्रवादी बताया था. याचिका में उन्होंने कहा है कि आदर्श आचार संहिता के मुताबिक कोई भी पार्टी या उम्मीदवार ऐसी गतिविधि में लिप्त नहीं हो सकता जिससे कि विभिन्न जाति और समुदायों के बीच मतभेद पैदा हो. याचिका में कहा गया है कि हासन द्वारा चुनावी फायदे के लिए धर्म के कथित इस्तेमाल के बावजूद चुनाव आयोग ने इस संबंध में अब तक कुछ नहीं किया है.
बता दें कि रविवार को चेन्नई में चुनाव अभियान के दौरान कमल हासन ने कहा था “स्वतंत्र भारत का पहला आतंकवादी हिंदू था. उसका नाम नाथूराम गोडसे है”. हासन ने कहा, “मैं यह नहीं कह रहा हूं क्योंकि यह एक बड़ी मुस्लिम आबादी वाला इलाका है, मैं गांधी की प्रतिमा के सामने यह कह रहा हूं. उन्होंने कहा कि मैं आज उस हत्या पर सवाल उठा रहा हूँ इसे ऐसे समझो.
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