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Ayodhya: रामभक्तों के लिए खुशखबरी, जल्द शुरू होंगे राम दरबार के दर्शन, मंदिर ट्रस्ट कर रहा विचार

अयोध्या (Ayodhya) में श्रीराम मंदिर (Ram Mandir) निर्माण कार्य लगभग पूर्ण हो चुका है और अब राम दरबार (Ram Darbar) की प्रतिष्ठा के बाद रामभक्तों को जल्द ही भगवान राम के पूरे परिवार के दर्शन प्रथम तल पर मिल सकेंगे। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट (Shri Ram Janmabhoomi Tirtha Kshetra Trust) की ओर से इस विषय पर विचार किया जा रहा है, और संभावना है कि अगले 10 दिनों में राम दरबार के दर्शन आरंभ हो जाएं।

टेंट स्थल पर ASI का सर्वे

राम मंदिर भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि जहां पहले रामलला टेंट में विराजमान थे, उस ऐतिहासिक स्थल पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम सर्वे कर रही है। यह स्थल राम जन्मभूमि के रूप में जाना जाता है और अब वहां 500 वर्षों के संघर्ष से जुड़े पुरावशेषों की गहन जांच की जा रही है।

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पंचवटी का मास्टर प्लान तैयार

मंदिर परिसर में सप्तऋषि मंदिरों के मध्य स्थित पुष्करणी कुंड का निर्माण अब अपने अंतिम चरण में है। साथ ही पंचवटी क्षेत्र के विकास के लिए एक पर्यावरण-संवेदनशील मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है, जिसमें प्राकृतिक तत्वों के साथ कोई छेड़छाड़ न करते हुए पेड़-पौधे लगाए जा रहे हैं। यह स्थान पशु-पक्षियों के लिए जल और आश्रय प्रदान करेगा।

राम मंदिर के दूसरे तल पर संरक्षित होंगे ऐतिहासिक ग्रंथ

राम मंदिर का भू-तल रामलला की मूर्ति के लिए आरक्षित किया गया है, जबकि प्रथम तल पर राम दरबार की स्थापना की जा चुकी है। अब मंदिर के दूसरे तल पर भगवान श्रीराम से जुड़े दुर्लभ और ऐतिहासिक ग्रंथों को संग्रहित किया जाएगा। इस योजना के तहत धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों को सुरक्षित रखने की व्यवस्था की जा रही है।

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15 अगस्त तक पूरा होगा मंदिर का मुख्य द्वार

राम मंदिर के उत्तर दिशा में स्थित मुख्य द्वार का निर्माण कार्य जोरों पर है, और इसे अगले एक माह के भीतर पूर्ण कर लिया जाएगा। मंदिर ट्रस्ट का लक्ष्य है कि यह कार्य 15 अगस्त तक अनिवार्य रूप से पूरा हो जाए।

सरकारी संस्थाओं का महत्वपूर्ण योगदान

राम मंदिर के निर्माण में भारत सरकार की कई प्रतिष्ठित संस्थाओं ने सहयोग किया है। इसमें सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट, रेल मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय शामिल हैं। विशेष रूप से मंदिर में लगाई जा रही टाइटेनियम की मजबूत जाली रक्षा मंत्रालय की ओर से उपलब्ध कराई जा रही है। नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि सभी संस्थाओं को श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट द्वारा भुगतान किया गया है।

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