राम मंदिर निर्माण में घोटाले का इल्ज़ाम, Champat Rai बोले- झूठ और राजनीति से प्रेरित हैं आरोप

अयोध्या (Ayodhya) में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट (Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra Trust) द्वारा राम मंदिर (Ram Mandir) निर्माण के लिए खरीदी गई जमीन पर सवाल उठाए गए हैं. समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री तेज नारायण पांडेय पवन (SP Pawan Pandey) ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर जमीन खरीद में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि दो करोड़ रुपए में बैनामा कराई गई जमीन को 10 मिनट के अंदर 18.50 करोड़ रुपए में रजिस्टर्ड एग्रीमेंट कर दिया गया. पवन ने पूरे मामले में दस्तावेज पेश करते हुए इसकी जांच CBI से कराने की मांग की है. इस मामले को लेकर कांग्रेस एवं आम आदमी पार्टी ने भी यूपी सरकार पर हमला बोला है. वहीं ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय (Champat Rai) ने कहा है कि सारे आरोप झूठे और राजनीति से प्रेरित हैं.


चंपय राय ने दी सफाई

चंपत राय ने अपने बयान में कहा कि मंदिर परिसर को वास्तु अनुसार सुधारने, यात्रियों के लिए आने-जाने का रास्ता ठीक करने और मंदिर की सुरक्षा की दृष्टि से छोटे-बड़े मंदिरों और मकानों को पूर्ण सहमति से खरीदा गया था. जमीन के दाम 2 करोड़ से बढ़ कर 18 करोड़ होने के आरोपों पर चंपत राय ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अयोध्या में जमीन खरीदने के वालों की संख्या बढ़ गयी थी.


इसके अलावा बयान में कहा गया कि उत्तर प्रदेश सरकार भी अयोध्या के विकास के लिए बड़ी मात्रा में जमीन खरीद रही थी, जिसकी वजह से अयोध्या में जमीन के दाम एकदम से बढ़ गए थे. खरीदी गई जमीन अयोध्या रेलवे स्टेशन के पास है और अब तक जितनी भी जमीन ट्रस्ट की ओर से खरीदी गई है वो खुले बाजार के रेट से भी कम कीमत पर खरीदी गई है. चंपत राय ने बताया कि जमीन की खरीदारी कोर्ट फीस और स्टाम्प पेपर के साथ ऑनलाइन की जा रही है.


आप सांसद ने लगाए आरोप

दरअसल, आप सांसद संजय सिंह ने श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय पर गंभीर आरोप लगाए हैं. संजय सिंह ने रविवार को लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके आरोप लगाया कि श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट के नाम पर चंपत राय ने करोड़ों रुपये ‘चंपत’ कर दिए है. संजय सिंह ने आरोप लगाया कि अयोध्या में जमीन की गाटा संख्या 243, 244, 246, जिसकी कीमत 5 करोड़ 80 लाख रुपए है, उसे 2 करोड़ रुपये में पहले खरीदा गया, इसके बाद सुल्तान अंसारी ने इस जमीन खरीदारी में करोड़ों का हेरफेर किया. अयोध्या के मेयर भी इस घपले के गवाह बने. ये जमीन शाम को 7 बजकर 10 मिनट पर खरीदी गई है. 5 मिनट बाद 2 करोड़ में खरीदी गई जमीन को राम जन्मभूमि ट्रस्ट ने साढ़े 18 करोड़ रुपए में खरीदा जिसमें 17 करोड़ रुपये 5 मिनट में RTGS किए गए. एक सेकंड में साढ़े 5 लाख रुपये का गबन किया गया.


आप सांसद ने अपने आरोप में आगे कहा, “अनिल मिश्रा बैनामा कराने में और ट्रस्ट में खरीदारी में भी गवाह बने. मेयर ऋषिकेश उपाध्याय बैनामा और ट्रस्ट में खरीदारी में गवाह बने. ट्रस्ट में करोड़ों रुपये का चंदा देने वालों का आघात लगा है. ये मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार का मामला है. मैं केंद्र सरकार से CBI और ED के जरिए जांच कराने की मांग करता हूं. अग्रीमेंट के स्टाम्प और बैनामा के स्टाम्प का टाइम सब में हेरफेर है. ट्रस्ट ने जो जमीन खरीदी गई, उसका एग्रीमेंट 5 बजकर 11 मिनट पहले खरीदी गई. जमीन का स्टाम्प 5 बजकर 22 मिनट पर खरीदा गया. कोई भी ट्रस्ट जमीन खरीदने से पहले ट्रस्ट में प्रस्ताव पास कराता है, लेकिन चंपत राय ने 5 मिनट में जमीन बेचने का फैसला ले लिया.”


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