बहुजन समाज पार्टी की चीफ मायावती (Mayawati) ने आजमगढ़ लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव (Azamgarh Lok Sabha By Election) को लेकर ट्वीट कर खुशी जाहिर की है। साथ ही उन्होंने बसपा प्रत्याशी शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली को लोकल बताते हुए लोगों से अधिक से अधिक मतदान करने की अपील की है।
मतदान से ठीक एक दिन पहले माहौल बनाते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि यूपी में आजमगढ़ लोकसभा की सीट पर कल 23 जून को होने वाले उपचुनाव में बसपा को जिस प्रकार से सभी वर्गों व धर्मों के लोगों का समर्थन मिल रहा है, वह काफी उत्साहवर्धक है। विरोधियों के हथकण्डों से दूर रहकर यह जन समर्थन वोट में भी जरूर बदलेगा, ऐसा पूर्ण विश्वास।
मायावती ने कहा कि बीएसपी उम्मीदवार शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली के लोकल व दलगत राजनीति से ऊपर उठकर लोगों का हमेशा मददगार होने के कारण इनकी साख व लोकप्रियता विरोधियों से कहीं अधिक, जिसका चुनाव परिणाम पर अच्छा असर पड़ने की संभावना। मतदान में बढ़-चढ़ कर भाग लेने की भी पूरजोर अपील।
2. बीएसपी उम्मीदवार श्री शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली के लोकल व दलगत राजनीति से ऊपर उठकर लोगों का हमेशा मददगार होने के कारण इनकी साख व लोकप्रियता विरोधियों से कहीं अधिक, जिसका चुनाव परिणाम पर अच्छा असर पड़ने की संभावना। मतदान में बढ़-चढ़ कर भाग लेने की भी पूरज़ोर अपील। 2/2
— Mayawati (@Mayawati) June 22, 2022
एक दिन पूर्व भी बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने लखनऊ से ही आजमगढ़ लोकसभा उप चुनाव में बसपा के प्रत्याशी गुड्डू जमाली के पक्ष में माहौल बनाते हुए उनको स्थानीय निवासी बताने के साथ ही बेहद सभ्य इंसान की उपाधि दी थी। आजमगढ़ के ही मुबारकपुर से विधायक रहे शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली को लेकर मायावती ने कहा था कि गुड्डू जमाली को जिताकर आजमगढ़ वाले एक तीर से दो शिकार कर सकते हैं।
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उन्होंने कहा कि भाजपा को अग्निपथ जैसी योजना और अहंकार के लिए सबक सिखा सकते हैं, साथ ही सपा को भाजपा से मिलीभगत की सजा दे सकते हैं। बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा था कि यह पहला मौका है, जब बसपा यहां उपचुनाव लड़ रही है। यह उपचुनाव है, लेकिन लोगों के लिए इस मायने में महत्वपूर्ण है कि वे एक तीर से दो शिकार करके पहले भाजपा को हराकर उसकी अग्निपथ आदि जैसी जनविरोधी नीतियों व बुलडोजर वाली अहंकारी कार्यशैली के लिए सबक सिखा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही सपा को भी भाजपा से उसकी अंदरूनी मिलीभगत की भी सजा दे सकते हैं, जिससे यह फिर स्थापित हो जाएगा कि खास कर यूपी में भाजपा को चुनाव में पराजित करने के लिए सपा नहीं, बल्कि बसपा ही सर्वाधिक शक्तिशाली माध्यम है। उन्होंने कहा कि यह जगजाहिर है कि भाजपा व सपा एक ही थैली के चट्टे-बट्टे हैं। यह दोनों हमेशा एक-दूसरे के पूरक ही रहे हैं। यह एक-दूसरे को मजबूत करते हैं, जिसका खामियाजा औरों से कहीं अधिक यहां अकलियतों व समाज के अन्य उपेक्षित वर्गों के लोगों को ही उठाना पड़ता है।
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