यूपी: ‘बाबुओं’ की मुट्ठी में बंद है सिपाहियों का इंक्रीमेंट!, बिना रिश्वत के आगे नहीं बढ़ाई जाती फाइल?

यूपी पुलिस विभाग के कर्मचारियों पर अक्सर ही रिश्वतखोरी के आरोप लगते रहे हैं. पर, इस बार जो बातें सामने आ रही हैं वो बेहद चौकाने वाली है. दरअसल, मामला गोरखपुर जिले में सिपाहियों के इंक्रीमेंट का है. जहाँ सिपाहियों का कहना है कि रिश्वत न देने की वजह से उनकी इंक्रीमेंट फाइल आगे नहीं बढ़ाई जा रही है. बाबुओं की ‘मेहरबानी’ से 2011 बैच के बाद 400 सौ से ज्यादा सिपाहियों का सेलेक्शन ग्रेड लटका हुआ है. मामला उठने के बाद एसएसपी ने जाँच की बात कही है.


समय पूरा होने के बाद भी नहीं मिला इंक्रीमेंट

हिंदुस्तान अख़बार की खबर की मानें तो पुलिस विभाग में भर्ती पुलिसकर्मियों का प्रत्येक दस साल पर सेलेक्शन ग्रेड लगता है जिससे इंक्रीमेंट भी कहा जा सकता है. यानी दस साल के बाद उनके वेतन में एक निर्धारित रकम की बढ़ोत्तरी हो जाती है. गोरखपुर में नौकरी कर रहे 2011 बैच के करीब 500 सिपाहियों की दस साल की नौकरी पूरी हो गई है. अब उन्हें सेलेक्शन ग्रेड का लाभ मिलना चाहिए पर बाबू उन्हें फिलहाल इसका लाभ नहीं लेने दे रहे हैं.


मनमानी कर रहे बाबू

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, बाबुओं ने 500 लोगों की जगह अभी बमुश्किल 60 से 70 सिपाहियों का ही सेलेक्शन ग्रेड लगाया है और उन्हें इस महीने बढ़े हुए वेतन के रूप में इसका लाभ मिला है. जबकि 400 से ज्यादा लोगों का अभी तक इन बाबुओं ने सेलेक्शन ग्रेड नहीं लगाया है. बाबुओं का इसके पीछे का तर्क होता है कि उन्हें समय नहीं मिल पाया है. अनुशासन की वजह से सिपाही अधिकारियों से शिकायत नहीं कर पा रहे हैं. इसका फायदा उठाकर बाबू मनमानी कर रहे हैं. खबर की मानें तो विभाग में इंक्रीमेंट के लिए भी रिश्वत चलती है.


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