23 मई यानी कि गुरुवार को एक तरफ जहां लोकसभा चुनावों के नतीजों के साथ नरेंद्र मोदी प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में वापसी कर रहे थे तो दूसरी तरफ उसी समय गोण्डा जिले के वजीरगंज में एक मुस्लिम परिवार के आंगन में बच्चे की किलकारियां गूंज उठीं. वजीरगंज के निवासी मोहम्मद इदरीस की बहू ने उसी दिन एक बच्चे को जन्म दिया. अगले दिन शुक्रवार को घर में बच्चे का नाम रखने की बात चली तो प्रसूता ने ससुराल वालों को बच्चे के नामकरण से चौंका दिया.
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उसने अपने बच्चे का नाम ‘नरेंद्र दामोदर दास मोदी’ रखने की जिद पकड़ ली, इस पर पहले तो ससुराल वालों ना नुकुर की. जब ससुर मोहम्मद इदरीस ने बहू के फैसले पर सहमति जताई तब थोड़ी बात बनी. इसके बाद दुबई में नौकरी कर रहे शौहर मुश्ताक अहमद से भी मोबाइल पर इस बात की रजामंदी ली गई और बच्चे का नाम नरेंद्र दामोदर दास मोदी रख दिया गया.
प्रसूता मैनाज बेगम ने बताया कि वो नरेंद्र मोदी जी के बारे में देखती सुनती आ रही हैं. वो कहती हैं मोदी जी अच्छा काम कर रहे हैं, वे दोबारा आए तो उनके लिए बच्चे का नामकरण एक तोहफा भर है. बोली तीन तलाक पर कानून बना कर मोदी जी ने मुस्लिम महिलाओं को बड़ा सहारा दिया है.
मैनाज बेगम ने डीएम के नाम एक शपथ पत्र बनवाया है. इसे ससुर मोहम्मद इदरीस ने डीएम के कैम्प कार्यालय में शुक्रवार को रिसीव करा दिया है. एडीओ पंचायत वजीरगंज घनश्याम पाण्डेय को भी शपथ पत्र दिया गया है. श्री पाण्डेय ने बताया कि शपथ पत्र मिला है. इसे वीडीओ परसापुर महरौर को भेजा गया है. परिवार रजिस्टर में नवजात बच्चे का नाम नरेंद्र दामोदर दास मोदी दर्ज हो जाएगा.
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ससुर इदरीस ने कहा कि यह पारिवारिक फैसला है और मोदी जी के प्रति खुद भी उनकी व्यक्तिगत आस्था है. समाज क्या कहेगा सवाल के जवाब पर उन्होंने कहा कि यह हमारा निजी फैसला है, जिसमें कोई अन्य व्यक्ति दखल नहीं दे सकता है.
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