बाहुबली पूर्व सांसद अतीक अहमद की मुश्किलें अब लगातार बढ़ती जा रही है। ताजा खबरों के मुताबिक, एमपी एमएलए की स्पेशल कोर्ट ने भी चर मामलों में उनकी जमानत रद्द कर दी है। एक मामले में शुक्रवार को ही जमानत रद्द हो गई थी। बाकियों में सोमवार को हुई। दरअसल, जमानत मिलने की शर्तों के उल्लंघन के आरोप में कोर्ट ने यह फैसला लिया।
इन मामलों में डाली थी जमानत की अर्जी
जानकारी के मुताबिक, वर्ष 2002 में हुए चर्चित नस्सन हत्याकांड, बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के गवाह को धमकाने, साल 2002 में कचहरी परिसर में साजिश के तहत ख़ुद पर बम से हमला करवाने और बीजेपी नेता अशरफ को धमकाने के मामले में मिली जमानत को स्पेशल कोर्ट ने निरस्त कर दिया। साथ ही शुक्रवार को हुई सुनवाई में भी बेल रद्द कर दी गई।
यह आदेश शासन की अर्जी पर एडीजीसी राजेश गुप्ता तथा विशेष लोक अभियोजक वीरेंद्र कुमार सिंह के तर्कों को सुनने तथा पत्रावली पर उपलब्ध कागजातों का अवलोकन करने के बाद दिया।
जमानत शर्तों का किया उल्लंघन
शुक्रवार करेली मामले पर अतीक की जमानत निरस्त करने के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई की गई। प्रॉसीक्यूशन ने कहा कि 2017 तक अतीक अहमद पर कुल 75 केस दर्ज थे। शुआटस संस्थान की घटना का हवाला देते हुए कहा गया कि रिपोर्ट के अनुसार जमानत पाने के बाद भी अतीक अहमद क्रिमिनल एक्टीविटी में शामिल रहे हैं और अतीक अहमद ने जमानत की शर्तों का उल्लंघन किया है।
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