वृंदावन (Vrindavan) स्थित प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर (Bake Bihari Mandir) और उससे जुड़े कॉरिडोर विवाद पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अहम कदम उठाया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि अब इस मामले से संबंधित सभी याचिकाओं की सुनवाई एक ही पीठ द्वारा की जाएगी, जिससे निर्णय प्रक्रिया में स्पष्टता और एकरूपता बनी रहे। कोर्ट का यह निर्णय मंदिर प्रबंधन और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश से उत्पन्न विवादों को समेकित तरीके से निपटाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
कोर्ट की फटकार
बांके बिहारी मंदिर विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने गोस्वामी पक्ष के वकीलों को लगाई फटकार#bankebihari #Vrindavan #mathuranews #SupremeCourt #goswami pic.twitter.com/Yotqm4dXu3
— Breaking Tube (@BreakingTubeX) July 30, 2025
मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील को उस समय कोर्ट की नाराजगी का सामना करना पड़ा जब उन्होंने पहले ही खारिज की जा चुकी याचिका को दोबारा उठाने की कोशिश की। जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा ने वकील को टोका और याद दिलाया कि यह याचिका पहले भी पेश की गई थी और उसे पहले ही खारिज किया जा चुका है। कोर्ट ने इस रवैये को अनुचित मानते हुए गंभीरता से लिया।
अवमानना का नोटिस जारी
मुख्य न्यायाधीश ने खारिज याचिका को दोबारा पेश करने को कोर्ट की प्रक्रिया का उल्लंघन माना और वकील के खिलाफ अवमानना का नोटिस जारी कर दिया। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि अब से बांके बिहारी मंदिर से जुड़ा कोई भी कानूनी मसला एक ही पीठ द्वारा सुना जाएगा, जिससे सुनवाई में पारदर्शिता और विधिक व्यवस्था सुनिश्चित हो सके।