माफिया मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) की एंबुलेंस प्रकरण (Ambulance Case) में फरार चल रहे 25 हजार के इनामी आनंद यादव (Anand Yadav) को आखिरकार पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। मऊ की अस्पताल संचालिका डॉ. अलका राय को धमकाने और हस्ताक्षर कराने में अहम किरदार निभाने के इस आरोपी की तीन दिन से बाराबंकी में लोकेशन मिल रही थी। गिरफ्तार आरोपी आनंद यादव ने पूछताछ में सनसनीखेज खुलासा किया है। आरोप ने बताया कि एंबुलेंस में असलहे भी साथ रखे जाते थे।
विधायक मुख्तार अंसारी की एंबुलेंस को बाराबंकी में 2013 में फर्जी डॉक्यूमेंट्स पर रजिस्टर कराने के मामले में दर्ज मुकदमे में वांछित मऊ के आनंद यादव को विवेचक एमपी सिंह, कोतवाल पंकज सिंह और एसआई मार्कंडेय ने टीम के साथ बुधवार की सुबह वादीनगर गांव के पास हाईवे से गिरफ्तार किया है। एसपी यमुना प्रसाद ने आनंद यादव पर 25 हजार रुपये का पुरस्कार घोषित किया था।
बता दें कि लगातार तीन दिन से आनंद यादव की लोकेशन बाराबंकी में थी। पुलिस ने सर्विलांस की मदद से बुधवार को उसे धर दबोचा। एसपी यमुना प्रसाद ने बताया कि विधायक प्रतिनिधि मो. शोएब मुजाहिद के साथ डॉ. अलका राय के पास आनंद आया था और मो. जाफरी उर्फ शाहिद से उसकी फोन पर बात कराया था कि उसे इस प्रकरण में मीडिया के सामने क्या बोलना है।
यही नहीं, अलका राय को डराकर मीडिया से यह बोलने को कहा गया था कि मुख्तार की पत्नी की तबियत खराब था इसलिए एंबुलेंस लेकर वह लोग पंजाब गए थे। एसपी ने बताया कि आनंद से पूछताछ में यह तथ्य सामने आए हैं कि एंबुलेंस में मुख्तार के साथ अवैध शस्त्र भी रखे जाते थे। बताया जाता है कि मुख्तार इन शस्त्रों को अपनी सुरक्षा के लिए निजी व्यवस्था के लिए रखता था।
सूत्रों का कहना है कि आनंद यादव के पकड़े जाने से एंबुलेंस चालक और इसे रखने वाले लोगों के नाम भी सामने आए हैं। एसपी ने बताया कि एंबुलेंस चालक और इसे रखने वालों सहित अन्य लोगों को भी मुकदमे में आरोपी बनाया जाएगा। वहीं, फरार 2 इनामी मुजाहिद और शाहिद की तलाश की जा रही है। इस मामले में अब तक कुल चार लोगों को गिरफ्तारी की जा चुकी है।
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