उत्तर प्रदेश के बाराबंकी (Barabanki) जिले में जिस दारोगा (Sub Inspector) को 31 अक्टूबर, 2019 को रिटायर हो जाना चाहिए था। वह अभी तक नौकरी कर रहे हैं। करीब 2 साल से लगभग 80 हजार रुपए प्रतिमाह सैलरी भी उठा रहे हैं। मामला सामने आने के बाद सीओ क्राइम को जांच सौंपी गई है। अब इनके वेतन से रिकवरी का आदेश दिया गया है। वहीं, इस मामले से सबक लेते हुए जिले के करीब 4000 पुलिसकर्मियों का रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है।
जानकारी के अनुसार, मूलरूप से लखीमपुर खीरी जनपद के जगतपाल वर्मा पुलिस विभाग में आरक्षी थे। प्रमोशन पाकर वह हेड कांस्टेबल हुए और ट्रांसफर पर बाराबंकी में तैनाती मिली। साल 2016 में वह सब इंस्पेक्टर हो गए। तभी से जिले में ही तैनात हैं। जन्मतिथि के अनुसार, जगतपाल वर्मा को 31 अक्टूबर, 2019 को रिटायर हो जाना चाहिए था।
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करीब एक सप्ताह पहले यह प्रकरण तब संज्ञान में आया, जब एसपी के आदेश पर रुटीन में सेवानिवृत्त के करीब उम्र वाले पुलिसकर्मियों का रिकॉर्ड खंगाला जा रहा था। इस मामले की जांच सीओ क्राइम पकंज सिंह कर रहे हैं। बताया जाता है कि जगतपाल वर्मा की सही जन्मतिथि 1959 है, लेकिन भर्ती के समय ही तैयार किए दस्तावेजों व चरित्र पत्रिका में 1962 दर्ज कर दिया गया।
सही तिथि के अनुसार, 2019 में सेवानिवृत्त हो जाना चाहिए, जबकि चरित्र पत्रिका में दर्ज जन्मतिथि के आधार पर उन्हें साल 2022 में सेवानिवृत्त होना है। फिलहाल, एसपी के आदेश पर उन्हें पुलिस लाइंस से रवाना कर दिया गया है, लेकिन रवानगी कहां के लिए हुई है, इसकी जानकारी नहीं दी गई है।
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सूत्रों का कहना है कि इतनी बड़ी चूक किस स्तर पर हुई, इसका पता लगाने के लिए जांच अधिकारी को जगतपाल वर्मा के भर्ती के समय के डॉक्यूमेंट्स खंगालने होंगे। इसमें कई लोगों पर कार्रवाई होने की आशंका है। जांच अधिकारी ने बताया कि मामला काफी पुराना है, जांच चल रही है। लेकिन वेतन रिकवरी के आदेश जारी हो गए हैं।
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