उत्तर प्रदेश के बरेली (Bareilly) और सीतापुर (Sitapur) जनपद में 2 मुस्लिम लड़कियों ने घर वापसी (Ghar Wapsi) की है। बरेली की रहने वाली निशा नाम की मुस्लिम लड़की ने सनातन धर्म अपनाया और राधिका बनकर राजेश कुमार से विवाह कर लिया है। वहीं, सीतापुर की निदा बानो ने भी हिंदू धर्म अपनाते हुए अपना नाम निधि रख लिया है। निधि ने रचित कुमार संग शादी कर ली है। शनिवार को दोनों ने हिंदू रीति-रिवाज के साथ शादी रचा ली है।
बरेली में निशा बनी राधिका
बरेली के अगस्त्य मुनि आश्रम में शनिवार को निशा अपने प्रेमी राजेश कुमार संग पहुंची। इस दौरान दोनों ने खुद के बालिग होने के प्रमाण पंडित केके शंखधर को सौंपा और विवाह की इच्छा जाहिर की। पंडित शंखधर ने राजेश और निशा ने शपथ-पत्र व अन्य कानूनी कागजात लिए और उसकी तस्दीक के बाद दोनों का विवाह वैदिक विधि-विधान के मुताबिक सम्पन्न करवाया। इस अवसर पर निशा ने राजेश के साथ हवन किया और हिन्दू देवी-देवताओं के जयकारे लगाए।
बता दें कि जाकिर की बेटी निशा बिजनौर के श्योहरा थाना क्षेत्र की निवासी है। वहीं, राजेश कुमार भी बिजनौर के ही नेहटौर इलाके में रहता है। निशा के मुताबिक, राजेश उसके गांव में अपने रिश्तेदार के यहां आया करता था। करीब पांच साल पहले दोनों की जान-पहचान हुई, जो देखते ही देखते प्यार में तब्दील हो गई। हालांकि, निशा के घरवाले इस रिश्ते के विरुद्ध थे। ऐसे में दोनों शादी के लिए कई जिलों में भटक रहे थे, लेकिन इस बीच उन्हें बरेली के अगस्त्य मुनि आश्रम की जानकारी हुई। यहाँ दोनों का विधि-विधान से विवाह सम्पन्न हुआ। ऑपइंडिया के पास विवाह संबंधी सभी कागजात मौजूद हैं।
पंडित के के शंखधर ने बताया कि विवाह के बाद उनको बरेली के आला हजरत से जुड़े कुछ लोगों ने धमकियाँ दी हैं। उन पर मुस्लिम लड़कियों के अवैध तौर पर धर्मान्तरण का आरोप भी लगाया गया। पंडित शंखधर ने बताया कि विवाह करने वाली तमाम लड़कियाँ बालिग़ हैं और घर वापसी उनका स्वयं का निर्णय होता है।
सीतापुर की निदा बानो बनी निधि
वहीं, घर वापसी का दूसरा मामला उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले से आया है। यहाँ निदा बानो नाम की लड़की ने सत्य सनातन स्वीकार किया है। निदा अब निधि नाम से जानी जाएँगी। उन्होंने रचित कुमार नाम के हिन्दू युवक से वैदिक विधि-विधान से विवाह किया। यह विवाह एक हिन्दू मंदिर में हुआ, जिसमें बाराती और घराती की भूमिका राष्ट्रीय हिन्दू शेर सेना नाम के एक संगठन के सदस्यों ने निभाई। शादी के दौरान जय श्री राम के नारे लगे। निदा और रचित ने एक साथ हवन-पूजन किया।
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