बरेली: वक्फ कानून का नोटिफिकेशन आने से पहले ही ज़मीन माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गई है। बरेली के सीबीगंज इलाके में एक कब्रिस्तान की ज़मीन को फर्जी ट्रस्ट के ज़रिए कब्जाने और वक्फ में पंजीकृत कराने का मामला सामने आया है। शिकायतकर्ता पुत्तन शाह की ओर से दी गई जानकारी पर एसएसपी अनुराग आर्य ने जांच कराई, जिसमें पूरे फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हुआ।
कब्रिस्तान की सरकारी ज़मीन पर बना ट्रस्ट, बनाई दुकानें
जांच में सामने आया कि खतौनी में कब्रिस्तान के नाम दर्ज एक बेशकीमती सरकारी ज़मीन पर गांव के ही एक व्यक्ति सब्जे अली ने फर्जी ट्रस्ट बनाकर कब्जा कर लिया। उसने वहां दुकानें बनवा लीं और आमदनी का जरिया बना लिया। यही नहीं, कोर्ट के आदेश को भी दबाकर रखा गया ताकि अवैध कब्जा बना रहे।
फर्जी दस्तावेज़ बनाकर वक्फ बोर्ड में करा दी संपत्ति की रजिस्ट्री
पुत्तन शाह ने बताया कि सब्जे अली ने एक व्यक्ति सैयद हामिद हसन को “फकीर” बना कर पहले कब्रिस्तान की ज़मीन पर बैठाया। फिर वहां झाड़-फूंक और अंधविश्वास के ज़रिए लोगों को लुभाया। हामिद की मौत के बाद उसी ज़मीन पर मजार बनवा दी और फिर 2020 में “फकीर सैयद हामिद हसन दरगाह चैरिटेबल ट्रस्ट” के नाम से एक ट्रस्ट पंजीकृत करा दिया।
परिजनों को बनाया ट्रस्टी, खुद बन बैठा अध्यक्ष
ट्रस्ट बनने के बाद सब्जे अली ने खुद को ट्रस्टी नामित किया और अपने ही रिश्तेदारों को ट्रस्ट में शामिल कर लिया। बाद में सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड, लखनऊ में इस संपत्ति को वक्फ संपत्ति के तौर पर दर्ज करा लिया गया। जब पुत्तन शाह ने जानकारी माँगी तो हमेशा अधूरी या भ्रामक सूचना दी गई। 2021 में सब्जे अली ने उल्टा पुत्तन शाह के खिलाफ ही कोर्ट में वाद दायर कर दिया, लेकिन कानूनी लड़ाई के बाद कोर्ट ने कब्जे को अवैध माना और सब्जे अली की दलीलें खारिज कर दीं। बावजूद इसके प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही थी।
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एसएसपी के हस्तक्षेप से दर्ज हुई एफआईआर
पुत्तन शाह ने जब एसएसपी अनुराग आर्य को पूरे मामले की जानकारी दी, तो उन्होंने एसपी सिटी मानुष पारीक से जांच करवाई। जांच में सामने आया कि ज़मीन सरकारी और कब्रिस्तान के नाम दर्ज है। इसके बाद एसएसपी के निर्देश पर सब्जे अली और उसके 11 सहयोगियों के खिलाफ धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेज़ और मारपीट जैसी गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज कराई गई।
राजस्व विभाग की मदद से होगी ज़मीन मुक्त
एसएसपी अनुराग आर्य ने स्पष्ट किया कि यह मामला पूरी तरह से फर्जीवाड़े और धोखाधड़ी का है। उन्होंने कहा कि भविष्य में इस मामले को नए वक्फ कानून की धाराओं में बदला जा सकता है। साथ ही राजस्व टीम की मदद से कब्जा की गई ज़मीन को मुक्त कराया जाएगा। एसएसपी अनुराग आर्य ने कहा “जो भी वक्फ के नाम पर संपत्ति कब्जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
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