आपने अक्सर ही लोगों को टोना टोटका के बारे में बात करते हुए सुना होगा। पर अगर आपको पता लगे कि पुलिसकर्मी ही ऐसी बातों में भरोसा करते हैं तो कैसा लगेगा। दरअसल, यूपी की बरेली पुलिस ने अपने नए साल की शुरुआत टोटके के साथ ही की है। जिले के कई थानों में ये मान्यता है कि साल की शुरुआत पंचनामा रजिस्टर को पीटने के साथ करने पर साल अच्छा जाता है। पुलिस कर्मी नहीं चाहते कि वो इस रजिस्टर का इस्तेमाल करें। इसलिए ऐसा किया जाता है।
ऐसी है मान्यता
जानकारी के मुताबिक, बरेली जिले में ही एक दारोगा ने बताया कि जिले की पुलिस कभी नहीं चाहती कि उन्हें किसी की मौत का पंचनामा भरना पड़े। इसलिए पहले दिन इसके लिए बनाए गए नए पंचनामा रजिस्टर को चप्पलों से पीटकर कोने में फेंक दिया जाता है। जरूरत पड़ने पर जब भी यह रजिस्टर निकाला जाता है, दोबारा चप्पलों से पिटाई कर उसे कोने में फेंक दिया जाता है। पुलिस का मानना है कि ऐसा करने से पंचनामा रजिस्टर की ज्यादा जरूरत नहीं पड़ती। बड़ी बात ये है कि ये प्रथा अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही है।
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साल के पहले दिन दर्ज हुआ गुड वर्क का मुकदमा
बता दें कि जिले के ज्यादातर थानों में पहले से ही तैयार गुडवर्क का मुकदमा दर्ज किया गया है। अगर जिले की कोतवाली की बात करें तो पहले मुकदमे में पुलिस ने चाकू के साथ बिहारीपुर कसगरान निवासी सुशील कश्यप को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। वहीं इसके साथ ही बारादरी पुलिस ने आबकारी अधिनियम के दो मुकदमे दर्ज कर आरोपित आकाश व अमन ठाकुर को तथा तमंचे के साथ गिरफ्तार किए गए एक अन्य अपराधी को जेल भेजा।
इसके अलावा इज्जतनगर पुलिस ने पहला मुकदमा तमंचा बरामदगी का दर्ज किया। दूसरा मुकदमा शराब बरामदगी का दर्ज हुआ। किला पुलिस ने दो जुआरियों को गिरफ्तार कर पहला मुकदमा दर्ज किया। कैंट और सुभाषनगर पुलिस की बात करें तो पहले दिन कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया। दोनों थानों के पुलिस कर्मियों का कहना है कि पहले दिन कोई ऐसा गुड वर्क हुआ ही नहीं जिसका केस दर्ज किया जाए।
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