प्रवर्तन निदेशालय (ED) की हैदराबाद यूनिट (Hyderabad Unit) ने मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) के एक पुराने मामले में कड़ी कार्रवाई करते हुए आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) के पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी (YS Jagan Mohan Reddy) और डालमिया सीमेंट्स भारत लिमिटेड (Dalmia Cement Bharat Limited) की संपत्तियाँ अस्थायी रूप से जब्त कर लिया गया है। जब्त की गई संपत्ति में 27.5 करोड़ रुपये के शेयर और 377.2 करोड़ रुपये मूल्य की जमीन शामिल हैं। वहीं, DCBL का कहना है कि जब्त संपत्तियों की कुल कीमत 793.3 करोड़ रुपये है।
2011 में दर्ज हुआ था मामला, 14 साल बाद ईडी की कार्रवाई
यह मनी लॉन्ड्रिंग का मामला 2011 में CBI द्वारा दर्ज की गई एक एफआईआर से जुड़ा है। इसमें आरोप था कि DCBL ने भारती सीमेंट कॉर्पोरेशन प्राइवेट लिमिटेड में निवेश किया था, जो कथित तौर पर जगन मोहन रेड्डी की कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए किया गया था। ईडी के अनुसार, इस निवेश के बदले कडप्पा जिले में 407 हेक्टेयर की खनन लीज DCBL को दी गई थी।
फ्रेंच कंपनी को बेचे गए थे शेयर
जांच एजेंसियों का आरोप है कि इस डील के तहत रघुराम सीमेंट्स लिमिटेड के शेयर फ्रेंच कंपनी PARFICIM को 135 करोड़ रुपये में बेचे गए थे। इसमें से 55 करोड़ रुपये कैश में हवाला नेटवर्क के जरिए जगन को दिए गए। सीबीआई ने 8 अप्रैल 2013 को जगन सहित कई अन्य लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और आईपीसी की विभिन्न धाराओं में चार्जशीट दायर की थी।
139 करोड़ की योजना, 55 करोड़ पहले ही ट्रांसफर
ईडी के अनुसार, कुल 139 करोड़ रुपये हवाला चैनल्स के जरिए जगन की कंपनियों को ट्रांसफर करने की योजना थी, जिसमें से 55 करोड़ रुपये की राशि पहले ही दी जा चुकी थी। यह पूरा लेन-देन कथित तौर पर quid pro quo यानी “एक के बदले एक” समझौते के तहत किया गया था।
DCBL का बयान
DCBL ने शेयर बाजार को सूचित करते हुए बताया कि उन्हें 15 अप्रैल 2025 को संपत्ति अटैचमेंट का आदेश मिला है। हालांकि, कंपनी ने स्पष्ट किया है कि इस कार्रवाई से उनके बिजनेस ऑपरेशन्स पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। DCBL ने कहा है कि वह इस आदेश की समीक्षा कर उचित कानूनी विकल्पों पर विचार कर रही है।