सहारनपुर (Saharanpur) से बसपा सांसद हाजी फजलुर्रहमान (Haji Fazlurrahman) की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. बीजेपी नेता और पूर्व सांसद राघव लखनपाल शर्मा (Raghav lakhanpal) ने हाजी फजलुर्रहमान के निर्वाचन को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी है. उन्होंने चुनाव याचिका दायर करके सहारनपुर के सांसद हाजी फजलुर्रहमान के निर्वाचन को रद्द करने की मांग की है. याचिका में चुनाव रद्द करने का आधार देवबंद में हुई चुनावी रैली के दौरान मायावती का भाषण और फिर उसका समर्थन का हाजी फजलुर्रहमान का जनता को भड़काना बताया गया है.
गौरतलब है कि बीते लोकसभा चुनाव के दौरान 7 अप्रैल 2019 को देवबंद में एक चुनावी रैली हुई थी. जिसमें मायावती समेत सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, अजीत सिंह, मलूक नागर, हाजी फजलुर्रहमान, आकाश आनंद, सतीश मिश्र और जयंत चौधरी मौजूद थे. आरोप है कि इस रैली में बसपा सुप्रीमो मायावती ने घृणा की भाषा का प्रयोग किया और सार्वजनिक मंच से मुसलमानों से बसपा प्रत्याशी के समर्थन में वोट देंने की अपील की थी, जबकि हाजी फजलुर्रहमान ने मायावती के भाषण की सराहना करते हुए मंच साझा किया. ऐसा मतदाताओं के ध्रुवीकरण के इरादे से किया गया. इस भाषण के लिए चुनाव आयोग ने मायावती पर 48 घंटे के लिए किसी भी सार्वजनिक बैठक, जुलूस, रैलियों, रोड शो और साक्षात्कार आदि पर रोक लगा दी थी.
इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने वाले राघव लखनपाल ने अपनी जीत का दावा करते हुये कहा किब सपा सुप्रीमो मायावती ने भाषण के दौरान आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग किया. राघव लखनपाल के अनुसार यदि जातिगत आधार पर वोट करने की अपील न होती तो मुस्लिम वोटों का बसपा के उम्मीदवार के पक्ष में ध्रुवीकरण न होता और उनकी जीत होती. राघव ने सहारनपुर से लोकसभा सदस्य हाजी फजलुर्रहमान की सदस्यता निरस्त करने तथा उन्हें सहारनपुर लोकसभा क्षेत्र से लोकसभा का विधिवत सदस्य घोषित करने की मांग की है.
यह भी कहा गया है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में बीएसपी उम्मीदवार जगदीश राणा को देवबंद विधानसभा में केवल 46,101 वोट मिले थे, जबकि 2019 में बीएसपी उम्मीदवार हाजी फजलुर्रहमान को 1,09,028 वोट मिले. बीएसपी के वोटों में यह वृद्धि पूरी तरह से घृणास्पद भाषण के कारण हुए मुस्लिम वोटों के ध्रुवीकरण के कारण हुई थी. बता दें कि अधिवक्ता चंद्रशेखर शर्मा व अजय कुमार शर्मा के माध्यम से दाखिल हुई इस याचिका को स्वीकार कर लिया गया है. हालांकि अभी इस पर सुनवाई की डेट सामने नहीं आयी है.
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