भले ही यूपी के कानपुर जिले में पुलिस हिरासत में एक संदिग्ध की मौत के मामले में मंगलवार को थानेदार (एसएचओ) समेत 9 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है, लेकिन मामले की आंच अभी तक ठंडी नहीं हुई। दरअसल, अब मामले में अकबरपुर से भाजपा सांसद देवेंद्र सिंह भोले ने कानपुर देहात पुलिस व पुलिस अधीक्षक के ऊपर गंभीर आरोप लगाते हुए सवाल खड़े कर दिए हैं। उन्होनें पूरे मामले का जिम्मेदार पुलिस अधीक्षक (एसपी) सुनीति बताया है।
अकबरपुर से भाजपा सांसद देवेंद्र ने लगाए गंभीर आरोप
जानकारी के मुताबिक, कानपुर के अकबरपुर से भाजपा सांसद देवेंद्र सिंह भोले ने पुलिस की कार्यशैली पर उठाते हुए कठघरे में खड़ा किया है। उन्होंने कहा कि कानपुर देहात की पुलिस अधीक्षक सुनीति भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देती हैं और उनके निर्देश पर ही यह घटना हुई है। जो मृतक है वह व्यापारी था। गांव की पार्टी बंदी,निशानदेही और राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के कारण बलवंत को पकड़कर पुलिस ले गई। पुलिस ने रनिया से पकड़ा है। उसके बाद रनिया से मैथा पहुंचे। फिर सार्वजनिक चौराहे पर मृतक बलवंत को मारा। जबकि लूट की घटना का मुकदमा दर्ज कराने वाला मृतक का चाचा बार-बार कहा जा रहा था। मेरा भतीजा है यह चोरी में नहीं शामिल है। इसको छोड़ दें।लेकिन पुलिस ने उसको नहीं छोड़ा।
इतना ही नहीं अकबरपुर से भाजपा सांसद देवेंद्र सिंह भोले ने पुलिस अधीक्षक सुनीति पर निशाना साधते हुए कहा कि पुलिस अधीक्षक को अपने बंगले से निकलकर कहीं जाना ही नहीं है। जिसके चलते कोई भी दिन ऐसा नहीं जाता है जब जिले में लूट की घटना न होती हो। उन्होंने कहा कि और आज तक एक भी घटना का खुलासा पुलिस नहीं कर पाई है। उन्होंने कहा कि इस घटना में पुलिस की घोर लापरवाही व बदमाशी है।
अकबरपुर से भाजपा सांसद देवेंद्र सिंह भोले ने पुलिस की कार्यशैली के साथ डॉक्टर पर भी सवाल खड़े किए और कहा कि डॉक्टर ने जो रेफर लेटर बनाया है। उसमें 11 तारीख की घटना दर्शाई गई है। जबकि घटना 12-13 तारीख की रात में हुई है। पूरी तरह से गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा था।
ये है मामला
हता दें कि, कानपुर देहात के शिवली थाने में पुलिस की पिटाई से मृतक बलवंत सिंह (27) के शव का पोस्टमॉर्टम परिजनों की मांग पर कानपुर देहात की जगह कानपुर नगर में मंगलवार रात को कराया गया। वीडियोग्राफी के साथ 3 डॉक्टर्स के पैनल ने शव का पोस्टमॉर्टम किया। शव को देखकर पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टर भी सोच में पड़ गए। शरीर पर इतने चोट के निशान थे कि गिनना मुश्किल हो गया। शरीर पर बस 26 गंभीर चोटों को ही गिना गया। पिटाई से पूरा शरीर नीला पड़ गया था।
आरोप है कि परिवार के लोग शिवली थाने पहुंचे तो SOG टीम लीडर प्रशांत गौतम, उसके साथी महेश गुप्ता, मैथा चौकी इंचार्ज ज्ञान प्रकाश पांडेय, थानाध्यक्ष शिवली राजेश कुमार सिंह, रनिया थानाध्यक्ष शिवप्रकाश सिंह समेत अन्य पुलिस कर्मी लाठी-डंडे और पट्टे से पीट रहे थे। इन सभी पुलिस कर्मियों के खिलाफ शिवली थाने में हत्या की एफआईआर दर्ज की गई है। हालांकि मामले में अभी तक कई पुलिसकर्मियों को सस्पेंड भी किया गया है।
एसपी ने बताया था हार्ट अटैक
कानपुर देहात की पुलिस अधीक्षक (एसपी) सुनीति ने बताया कि बाइक सवार अपराधियों ने छह दिसंबर को सरैया लालपुर गांव निवासी जौहरी चंद्रभान सिंह सेंगर की आंखों में मिर्च पाउडर डालकर सोने के गहने और नकदी लूट ली थी। सेंगर को उस समय लूट लिया गया जब वह बाइक से घर जा रहे थे।
उन्होंने बताया कि मामले की तफ्तीश कर रही शिवली पुलिस और विशेष अभियान समूह (एसओजी) ने छानबीन करते हुए तीन लोगों अविनाश कुशवाहा, सूरज और शिवा उर्फ कल्लू को गिरफ्तार किया और पूछताछ के दौरान तीनों ने बलवंत के नाम का भी खुलासा किया था।
एसपी ने दावा किया कि सूचना मिलने पर बलवंत सिंह सोमवार को बयान दर्ज कराने के लिए खुद थाने पहुंचा और पूछताछ के दौरान उसने सीने में दर्द की शिकायत की तो उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां मंगलवार तड़के उपचार के दौरान उसका निधन हो गया।
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