‘जिस जमीन पर हाथ रख दिया, वह उनकी हो गई…’, भाजपा सांसद ने फिल्मी गुंडों से कर डाली वक्फ बोर्ड की तुलना

लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक 2024 कुछ संशोधनों के साथ पारित हो गया है। लंबी बहस के बाद यह बिल 232 के मुकाबले 288 वोटों से पारित हुआ। अब अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने इसे राज्यसभा में पेश कर दिया है। उन्होंने कहा कि वक्फ में किसी गैर-मुस्लिम का कोई हस्तक्षेप नहीं होगा। वहीं, राज्यसभा में चर्चा के दौरान बीजेपी सांसद डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल (Dr. Radha Mohan Das Agarwal) ने वक्फ बोर्ड की तुलना पुरानी फिल्मों के गुंडों से कर दी।

बीजेपी सांसद ने वक्फ बोर्ड की तुलना फिल्मी गुंडों से की

उन्होंने कहा, ‘जिस तरह से फिल्मों में गुंडे किसी औरत पर हाथ रख देते थे और वह उनकी हो जाती थी, वैसे ही वक्फ बोर्ड जिस जमीन पर हाथ रख देता था, वह उनकी हो जाती थी।’ उन्होंने आरोप लगाया कि ‘वक्फ बाय यूजर’ का दुरुपयोग कर कुछ लोग किसी भी जमीन पर नमाज पढ़कर उसे वक्फ संपत्ति घोषित कर देते थे। उन्होंने तमिलनाडु का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां 1500 साल पुराने मंदिर को भी वक्फ संपत्ति घोषित कर दिया गया था।

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ओवैसी ने दी नई उपाधि, सांसद ने उठाए तीखे सवाल

अग्रवाल ने कहा कि उन्होंने मौलानाओं से पूछा कि ‘कुरान या हदीस में कहां लिखा है कि जो संपत्ति किसी ने दान ही नहीं की, वह आपकी हो गई?’ लेकिन इसका कोई जवाब नहीं मिला। उन्होंने यह भी कहा कि AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने उनका नया नाम ‘मौलाना राधा मोहन दास अग्रवाल’ रख दिया।

वक्फ संपत्तियों पर नेताओं का कब्जा, कर्नाटक का जिक्र

बीजेपी सांसद ने कर्नाटक में वक्फ संपत्तियों पर कब्जा करने वाले नेताओं की सूची भी पढ़ी और कहा कि यह रिपोर्ट संयुक्त संसदीय समिति (JPC) में टेबल की गई थी। हालांकि, उन्होंने कहा कि वे एक विशेष नेता का नाम नहीं लेंगे, क्योंकि वह सदन में मौजूद नहीं थे।

कर्नाटक विधानसभा में ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे

अग्रवाल ने आरोप लगाया कि जब नसीर हुसैन राज्यसभा चुनाव जीते थे, तब कर्नाटक विधानसभा में ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाए गए थे। जब बीजेपी कार्यकर्ताओं ने इसका विरोध किया, तो उन्हें जेल भेज दिया गया। इस पर विपक्षी दलों ने हंगामा शुरू कर दिया, लेकिन गृह मंत्री अमित शाह ने साफ कर दिया कि बीच में कोई टोकाटाकी नहीं होगी।

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‘मुस्लिमों की बेहतरी के लिए काम करेगी सरकार’

अग्रवाल ने कहा कि यह दिन ऐतिहासिक है, खासकर महिलाओं और पिछड़े मुस्लिमों के लिए। उन्होंने सती प्रथा, बाल विवाह और विधवा विवाह से जुड़े सुधारों का जिक्र करते हुए कहा कि ’75 साल बाद पहली बार मुस्लिम समुदाय के लिए इस तरह का सुधारात्मक विधेयक लाया गया है।’

उन्होंने जनधन योजना, उज्ज्वला योजना जैसी योजनाओं के तहत मुस्लिम लाभार्थियों के आंकड़े गिनाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बयान दोहराया कि, ‘अगर मुस्लिम हमें वोट नहीं देते, तो क्या वे देश के नागरिक नहीं हैं? क्या उनका भला नहीं होना चाहिए?’ उन्होंने कहा कि सरकार मुस्लिम समाज के विकास के लिए हरसंभव प्रयास करेगी।

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