भारतीय जनता पार्टी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) व और राज्य सरकार की समन्वय बैठक कल लखनऊ के आनंदी वाटर पार्क में हुई. बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की उपस्थिति में 8 घंटे चली इस मैराथन बैठक में कई मुद्दे उठाये गए इस दौरान क्षोभ और असंतोष के गुबार भी फूटे इस बैठक के दौरान योगी सरकार के आधा दर्जन से अधिक मंत्रियों के कामकाज पर सवाल उठाए गए. संगठन के मूल काडर की उपेक्षा का आरोप लगा और साफ कहा कि दूसरे दलों से आए हुए कई मंत्री अपना समानांतर संगठन चला रहे हैं. भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की मौजूदगी में पदाधिकारियों ने यह भी कहा कि कई मंत्री उनका सुझाव मानना तो दूर उल्टे भाजपा के विरोधी लोगों के काम करके राजनीतिक समीकरण बिगाड़ रहे हैं. बैठक में अधिकारियों की भी मनमानी की शिकायत की गई.
भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने सभी की शिकायतें सुनने के बाद 29 अक्तूबर को मंत्रियों को भाजपा संगठन के सामने अपना रिपोर्ट कार्ड पेश करने को कहा.
आनंदी वाटर पार्क में आयोजित समन्वय बैठक उद्घाटन से लेकर समापन तक कुल चार सत्रों में संपन्न हुई. बैठक में संघ के 37 अनुषंगिक संगठनों के अलावा छह प्रांतों की टोली, भाजपा पदाधिकारी और सरकार के प्रतिनिधि शामिल हुए. मंच पर संघ के सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले और कृष्णगोपाल के अलावा पूर्वी क्षेत्र के संघचालक वीरेंद्र पराक्रमादित्य तथा पश्चिम क्षेत्र के संघचालक सूर्य प्रकाश टोंक बैठे थे. बैठक सुबह 9:30 बजे से शुरू होनी थी लेकिन, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के देर से आने के कारण यह साढ़े 11 बजे शुरू हो सकी और शाम साढ़े पांच बजे तक चली. इस बैठक में अलगाववादी तत्वों और उन्हें संरक्षण देने वालों पर भी निशाना साधा गया.
मंदिर व हिंदुत्व होगा चुनावी मुद्दा
शाह की मौजूदगी में हुई इस समन्वय बैठक में चुनाव हिंदुत्व और मंदिर पर लड़ने का फैसला किया गया. अमित शाह ने कहा कि मंदिर निर्माण का संकल्प यथावत है. मंदिर अवश्य बनेगा. हमारा संगठन और हमारी सरकार इस मुद्दे पर पूरी तरह संकल्पबद्ध है. मंदिर ही नहीं हिंदुत्व के अन्य सरोकारों पर भी काम से पीछे हटने का प्रश्न नहीं उठता. भारतीय जनता पार्टी का संकल्प समग्र हिंदुत्व है.
एससी/एसटी एक्ट’ का न हो दुरुपयोग
एससी/एसटी एक्ट पर अमित शाह बोले कि किसी का उत्पीड़न नहीं होगा. किन्तु हिंदुओं की एकजुटता के लिए इनके सम्मान का ख्याल जरूरी है. जहां तक उत्पीड़न की शिकायतों का सवाल है तो सरकार इस तरह के मामलों को व्यक्तिगत रूप से देखें और ख्याल रखे कि एक्ट का दुरुपयोग न होने पाए. इसके लिए जिलों में प्रभारी मंत्री और संगठन के प्रमुख लोगों की समिति बनाने का सुझाव भी दिया गया जो इस तरह की शिकायतें सामने आने पर संबंधित अधिकारियों से बात करके समुचित और न्यायोचित कार्रवाई कराए.
मंत्रिमंडल फेरबदल पर भी हुई चर्चा
बैठक का समापन आरएसएस की प्रार्थना हुई. इसके बाद अमित शाह, आरएसएस के दोनों सर सहकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले और कृष्णगोपाल, सीएम योगी, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व डॉ. दिनेश शर्मा तथा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय, राष्ट्रीय महामंत्री भूपेंद्र यादव, राष्ट्रीय महामंत्री संगठन रामलाल समेत कई प्रमुख लोगों की खास बैठक हुई. इस बैठक में योगी सरकार के मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा हुई. सूत्रों की माने तो समन्वय बैठक में मंत्रिमंडल के फेरबदल पर भी चर्चा हुई. हालांकि यह फेरबदल कब होगा, यह बात अभी तय नहीं हो पाई है.
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