टेरर फंडिंग के लिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने सोशल मीडिया का सहारा लेकर नया नेटवर्क खड़ कर लिया है। मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों में यह नेटवर्क ऑनलाइन फ्रॉड और सिमबॉक्स के अवैध नेटवर्क काली कमाई करते हैं और इस काली कमाई का रूपया जम्मू-कश्मीर भेजा जाता है। यही वजह है कि जांच एजेंसियों के निशाने पर जम्मू, श्रीनगर, बारामूला, पुलवामा के अलग-अलग बैंकों में फर्जी नाम और पतों पर खोले गए नौ अकाउंट हैं। जानकारी है कि इन अकाउंट्स से करोड़ों का ट्रांजेक्शन किया गया है।
एटीएस के निशाने पर फर्जी नाम और पतों के कई बैंक अकाउंट्स
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, आईएसआई के इन नेटवर्क्स की जांच में जुटे आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) के निशाने पर कई ऐसे बैंक अकाउंट्स है जिन्हें फर्जी नाम और पतों के जरिए खुलवाया गया।
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बता दें कि कुछ महीने पहले एटीएस ने पाकिस्तान से चलाए जा रहे आतंकी फंडिंग नेटवर्क की अहम कड़ी रहे आरोपी उमा प्रताप सिंह उर्फ सौरभ को दबोचा था। एटीएस की जांच में सामने आया कि सौरभ व उसके साथियों को लश्कर-ए-तैयबा के हैंडलर लाहौर से आने वाली इंटरनेट कॉल के जरिए निर्देश देते थे।
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जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान में बैठे आतंकियों के सीधे संपर्क में रहे सौरभ व उसके अन्य साथियों की जांच के दौरान कई अहम राज सामने आये हैं। बता दें कि मध्य प्रदेश के रीवा से पकड़े गये सौरभ ने भोपाल और रीवा के कई स्टूडेंट्स के खातों के जरिए भी मोटी रकम का ट्रांजेक्शन करवाने की बात भी कबूल की थी। इसी के बाद से एटीएस और अन्य जांच एजेंसियों ने अपनी छानबीन तेज कर दी थी। सूत्रों का कहना है कि जांच में तीन तरह के खाते चिह्नित किये गये।
ए-कैटिगरी के 800 बैंक अकाउंट्स
मिली जानकारी के मुताबिक, ए-कैटीगरी के 800 बैंक अकाउंट्स, जिनमें हजारों रुपए का ट्रांजेक्शन किया गया। इन खातों में दूसरे के खातों से निकाली गया रुपया ट्रांसफर किया गया। सूत्रों के मुताबिक, ए-कैटिगरी के अकाउंट्स से रकम को किस्तों में बी-कैटिगरी के खातों में भेजा गया। बी-कैटिगरी के खातों में ट्रांजेक्शन लाखों रुपये का है। इतना ही नहीं, एटीएस ने ऐसे ही करीब 60 अकाउंट चिन्हित किए हैं। इनमें हवाला कारोबारियों और रीचार्ज कूपन का बिजनेस करने वालों के अकाउंट्स भी शामिल हैं।
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सूत्रों के मुताबिक, बी-कैटिगरी के खातों से करोड़ों रुपये सी-कैटिगरी के खातों में भेजी गई है। जिसके बाद फर्जी नाम-पतों पर खुले सी-कैटिगरी के खातों से रकम जम्मू-कश्मीर में कैश निकाली गई। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि यह रकम टेरर फंडिंग में इस्तेमाल की जा रही है।
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