लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि सरकारी खर्चे में कटौती करने का जो साहस माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी की सरकार ने दिखाया है वह सराहनीय है. माननीय मुख्यमंत्री की मंशा को मूर्त रूप देता हुआ प्रदेश सरकार के मुख्यसचिव श्री अनूप चंद्र पांडेय की तरफ से जारी हुआ आदेश एक नई कार्यसंस्कृति की शुरुआत करेगा. इससे न केवल सरकारी कामकाज में सादगी की शुरुआत होगी बल्कि कई विभागों द्वारा वित्तीय सत्र के अंतिम महीनों में अचानक बड़ी रकम खर्च करने की प्रवृत्ति पर भी रोक लगेगी.
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प्रदेश पार्टी मुख्यालय पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि ”मार्च लूट” के नाम से जानी जाने वाली इस प्रवृत्ति पर सीएजी भी समय-समय पर उंगली उठाती रही है. सरकारी खर्चे का दुरूपयोग बंद कर सरकार जनता के धन का जनकल्याण के लिए अधिकाधिक उपयोग करेगी. पिछली सपा और बसपा की सरकारों की पंचसितारा संस्कृति ने जनता के धन का उपयोग जनकल्याण के लिए न करके अपने ऐशोआराम के लिए किया था.
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मुख्यमंत्री रहते सपा सुप्रीमों अखिलेश यादव ने सरकारी खर्च पर करोड़ो रूपये की लग्जरी मर्सिडीज गाड़ी न केवल खुद के लिए खरीदी थी बल्कि पिता मुलायम सिंह यादव को भी सरकारी खर्च पर करोड़ो रूपये की लग्जरी मर्सिडीज कार खरीद कर दी थी. बंगले पर फिजूलखर्ची में मायावती जी और अखिलेश यादव में कड़ी प्रतिस्पर्धा रही है. महंगे इलेक्ट्रानिक स्विच और टोटिंया जनता के पैसों पर खर्च कर लगाई गई थी और जाते-जाते निकाल भी ली गई थी, जिसे पूरे देश ने देखा है.
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प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि प्रदेश की बागडोर संभालते ही मुख्यमंत्री माननीय श्री योगी आदित्यनाथ ने मितव्ययता और सादगी की कार्यसंस्कृति की शुरुआत की थी. सरकार बदलते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने मंत्रियों के बंगलों को संवारने में किसी भी तरह के फिजूलखर्च पर कठोरता से रोक लगाई और स्वयं अपने लिए मंहगी गाड़ी खरीदने से इंकार कर पुरानी गाड़ी से चलना स्वीकार किया. दूसरे जिलों की यात्रा पर जाने के दौरान महंगे होटलों में न रुककर मुख्यमंत्री जी ने सरकारी गेस्ट हाउस में रुकना शुरू किया. समारोहों में महंगे गुलदस्ते भेंट करने की परंपरा को रोका. महंगे निजी सभागारों में सरकारी आयोजनों को प्रतिबंधित किया.
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प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि ऐसे कदमों से प्रदेश सरकार ने फिजूलखर्ची को रोककर बचने वाले धन को अधिक से अधिक जनकल्याण कार्यक्रमों में लगाने का प्रयास शुरू किया है. इसी बदली कार्यसंस्कृति से सरकारी कामकाज की गति और प्रभावशीलता बढ़ी है. अधिक से अधिक धन जुटाकर उसे जनता के विकास के लिए लगाना ही भाजपा सरकार का ध्येय है और इसके लिए भाजपा सरकार हर संभव प्रयास करने का संकल्प ले चुकी है.
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