बोफोर्स मामले में गुरुवार को सीबीआई ने आगे की जांच के लिए परमिशन मांगने वाली अर्जी दिल्ली की अदालत से वापस ले ली। सीबीआई ने मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट नवीन कुमार कश्यप को बताया कि जांच एजेंसी एक फरवरी 2018 को दायर अपनी अर्जी वापस लेना चाहती है। यही नहीं, निजी याचिकाकर्ता अजय अग्रवाल भी बोफोर्स मामले में आगे की जांच के लिए अपनी याचिका वापस लेना चाहते हैं।
ऐसे में दिल्ली की अदालत ने सीबीआई को अपनी अर्जी वापस लेने की मंजूरी दे दी और अजय अग्रवाल से इस मामले पर उनके अधिकार क्षेत्र को लेकर सवाल किए। मामले की अगली सुनवाई अब छह जुलाई को होगी। बता दें कि सीबीआई ने मामले में आगे की जांच कर अनुमति के लिये निचली अदालत तक अर्जी दायर की थी। सीबीआई ने कहा था कि मामले में उसे नयी सामग्री और सबूत मिले हैं।
जांच एजेंसी ने बृहस्पतिवार को अदालत को बताया कि वह आगे की कार्रवाई के बारे में निर्णय लेगी परंतु इस समय वह अपनी अर्जी वापस लेना चाहती है। जानकारी के मुताबिक, कोर्ट ने 4 दिसंबर 2018 को पूछा था कि आखिर सीबीआई को मामले में आगे की जांच के लिए परमिशन की जरूरत क्यों हैं?
Also Read: अंबेडकर नगर में बदमाशों ने सपा नेता को मारी गोली, हालत गंभीर
इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने बोफोर्स मामले में हिंदुजा बंधुओं को आरोप मुक्त करने वाले उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली सीबीआई की याचिका खारिज कर दी थी। कोर्ट ने कहा था कि बोफोर्स मामले में उच्च न्यायालय द्वारा हिंदुजा बंधुओं को आरोप मुक्त किए जाने के खिलाफ अपील दायर करने में हुई देरी के संबंध में सीबीआई ने जो दलील दी है उससे वह संतुष्ट नहीं है।
Also Read: अदिति सिंह पर हमले मामले में सामने आये आरोपी MLC दिनेश सिंह, बयां की कुछ और ही कहानी
कोर्ट ने कहा था कि अपील दायर करने में हुई 4,500 दिन से भी ज्यादा की देरी को माफ करने के संबंध में सीबीआई द्वारा बताए गए कारण तर्कसंगत नहीं हैं। उच्चतम न्यायालय ने 64 करोड़ रुपये के बोफोर्स घोटाला मामले में हिंदुजा बंधुओं समेत सभी आरोपियों को आरोप मुक्त करने वाले उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली सीबीआई की याचिका खारिज कर दी थी।
( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. )