कुंडा से विधायक और यूपी के चर्चित नेता रघुराज प्रताप सिंह (Raghuraj Pratap Singh) उर्फ राजा भैया (Raja Bhaiya) के दोनों बेटों ने अब सक्रिय राजनीति में कदम रख दिया है। रविवार को बाबूगंज स्थित जनसत्ता दल के केंद्रीय कार्यालय में एक औपचारिक कार्यक्रम के दौरान शिवराज प्रताप सिंह उर्फ बड़े राजा और बृजराज प्रताप सिंह उर्फ छोटे राजा ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता ग्रहण की।
परिवार की मौजूदगी में मिली सदस्यता
सदस्यता ग्रहण कार्यक्रम में राजा भैया के चचेरे भाई और पूर्व सांसद अक्षय प्रताप सिंह भी मौजूद रहे। जनसत्ता दल के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. केएन ओझा और प्रदेश अध्यक्ष विनोद सरोज की उपस्थिति में पार्टी के जिलाध्यक्ष राम अचल वर्मा ने दोनों बेटों को सदस्यता दिलाई। इस मौके पर पार्टी कार्यकर्ताओं की भारी भीड़ भी देखने को मिली।
राजनीति से पहले भी रहे सक्रिय
राजा भैया के दोनों बेटों को इससे पहले भी कई बार राजनीतिक आयोजनों में उनके साथ देखा गया है। विधानसभा चुनावों के दौरान भी वे प्रचार अभियानों में अपने पिता के साथ सक्रिय भूमिका निभा चुके हैं। लखनऊ और कुंडा के बीच उनका आना-जाना लगातार बना रहा है, जिससे उनकी राजनीतिक तैयारी का संकेत पहले से ही मिल रहा था।
परिवार की पृष्ठभूमि और निजी जीवन
राजा भैया के चार बच्चे हैं, दो बेटियां और दो बेटे। खास बात ये है कि दोनों बेटियां और दोनों बेटे जुड़वां हैं। पत्नी भानवी सिंह से विवाद के बाद बेटियां अपनी मां के साथ रहती हैं, जबकि दोनों बेटे पिता के साथ रहते हैं और अब राजनीतिक राह पर भी उनके साथ चल पड़े हैं।
जन्म के समय पिता थे जेल में
2003 में जब शिवराज और बृजराज का जन्म हुआ, उस समय राजा भैया यूपी की तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती द्वारा पोटा (POTA) कानून के तहत गिरफ्तार कर जेल भेजे गए थे। वे करीब दस महीने जेल में रहे और इस दौरान अपने नवजात बेटों का चेहरा भी नहीं देख सके थे। हालांकि, राजनीतिक समीकरण बदले और मायावती सरकार गिरने के बाद मुलायम सिंह यादव ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। शपथ लेने के कुछ ही देर बाद राजा भैया पर लगे सभी मुकदमे रद्द कर दिए गए। इसके बाद राजा भैया को मंत्री पद भी मिला।