‘संसद के बनाए कानून पर रोक नहीं लगा सकते…’,वक्फ कानून पर सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार का हलफनामा

केंद्र सरकार (Central Government) ने सुप्रीम कोर्ट में वक्फ संशोधन अधिनियम (Waqf Amendment Act) 2025, की वैधता का बचाव किया है। शुक्रवार को दायर 1,332 पन्नों के प्रारंभिक हलफनामे में सरकार ने बताया कि 2013 के बाद वक्फ संपत्तियों में 20 लाख हेक्टेयर से भी ज़्यादा की बढ़ोतरी हुई है। यह आंकड़ा लगभग 20,92,072.536 हेक्टेयर तक पहुँच गया है।

वक्फ संपत्ति पर नज़र

सरकार के मुताबिक, मुगल काल से लेकर आजादी के बाद तक भारत में कुल 18,29,163.896 एकड़ ज़मीन वक्फ के तहत थी। सरकार ने इस हलफनामे में आरोप लगाया कि पहले के प्रावधानों का दुरुपयोग कर निजी और सरकारी संपत्तियों पर अतिक्रमण किया गया।

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कानून पर पूरी तरह रोक लगाना उचित नहीं: केंद्र

हलफनामे में यह भी कहा गया है कि संसद द्वारा बनाए गए किसी भी कानून पर संवैधानिकता की धारणा लागू होती है और अदालतें ऐसे प्रावधानों पर सीधे रोक नहीं लगा सकतीं। सरकार के अनुसार, यह संवैधानिक अदालतों का सिद्धांत है कि वे किसी प्रावधान पर केवल अंतिम निर्णय के बाद ही रोक लगा सकती हैं।

धार्मिक व्यवस्था को नियंत्रित करने की ज़रूरत: सरकार

केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि संसद ने अपने अधिकारों का प्रयोग करते हुए वक्फ जैसी धार्मिक व्यवस्था के प्रभावी प्रबंधन को सुनिश्चित किया है, जिससे लोगों का भरोसा बना रहे।

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सरकार ने याचिकाओं को बताया ‘न्यायिक समीक्षा के सिद्धांतों के खिलाफ’

सरकार ने वक्फ कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं को न्यायिक समीक्षा के मूल सिद्धांतों के खिलाफ बताया और कहा कि वैधता की जांच के बिना किसी कानून पर पूरी तरह रोक लगाना अनुचित होगा। केंद्र के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट केवल उस स्थिति में कानून की समीक्षा कर सकता है जब वह विधायी क्षमता से बाहर हो या नागरिकों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता हो।

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