पाकिस्तान से 21 दिन बाद भारत लौटे बीएसएफ जवान पूर्णम कुमार, ऑपरेशन सिंदूर बना गेमचेंजर

पंजाब के फिरोजपुर सेक्टर में 23 अप्रैल को बीएसएफ के एक जवान अनजाने में अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर पाकिस्तानी इलाके में चले गए थे। इस दौरान वहां तैनात पाक रेंजर्स ने उन्हें हिरासत में ले लिया। जवान की पहचान 182वीं बटालियन के कॉन्स्टेबल पूर्णम कुमार शॉ (Purnam Kumar Shaw) के रूप में हुई है, जो कि उस वक्त सीमा के पास खेतों में ड्यूटी कर रहे थे।

पाकिस्तान ने भारत को सौपा बीएसएफ जवान पूर्णम

कुछ दिनों की हिरासत के बाद पाकिस्तानी अधिकारियों ने अब पूर्णम को भारत के हवाले कर दिया। वाघा-अटारी बॉर्डर पर भारतीय अधिकारियों को सौंपे जाने के बाद जवान ने दोबारा अपने वतन की सरजमीं पर कदम रखा।

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पश्चिम बंगाल के निवासी हैं पूर्णम

कॉन्स्टेबल पूर्णम कुमार शॉ पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के रिशरा कस्बे से ताल्लुक रखते हैं। उनकी गुमशुदगी के बाद परिवार बेहद चिंतित था। जवान की पत्नी रजनी ने पति की वापसी की गुहार लगाते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से भी मुलाकात की थी। इसके साथ ही उन्होंने चंडीगढ़ जाकर बीएसएफ के अधिकारियों से भी बातचीत की थी। भारतीय सुरक्षा बलों और विदेश मंत्रालय के हस्तक्षेप के बाद दोनों देशों के अधिकारियों के बीच संवाद हुआ, जिसके फलस्वरूप जवान की सुरक्षित वापसी संभव हो सकी।

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