दलित वोट के लिए संसद में धक्का-मुक्की, कांग्रेस ने बाबा साहेब का कभी सम्मान नहीं किया: मायावती

लखनऊ: भारत के संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर (Dr Bhimrao Ambedkar) को लेकर गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) के हालिया बयान पर बवाल मच गया है। विपक्षी दलों ने शाह के शब्दों को बाबासाहेब का अपमान बताया है, और अब बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) प्रमुख मायावती (BSP Chief Mayawati) ने भी इस मुद्दे पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है।

मायावती ने शाह के बयान की आलोचना करते हुए कहा कि यह डॉ. आंबेडकर की गरिमा और अस्तित्व के लिए गहरी चोट है। उन्होंने कहा, “अमित शाह ने जो शब्द प्रयोग किए, उससे बाबासाहेब का अपमान हुआ है और पूरे देश में उनके अनुयायियों में गुस्सा और आक्रोश है। उन्हें अपने शब्द वापस लेने चाहिए और इसके लिए माफी भी मांगनी चाहिए।”

बसपा प्रमुख ने आगे कहा, “यह वही स्थिति है, जैसे कांग्रेस ने बाबासाहेब के योगदान को अनदेखा किया और उनके नाम को इतिहास से मिटाने की कोशिश की, खासकर उनके निधन के बाद।” इसके अलावा संसद में मचे बवाल पर बसपा चीफ ने कहा कि संसद में दलित वोटों के लिए धक्का-मुक्की चल रही है।

कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने भी शाह के बयान को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस का आरोप है कि शाह ने राज्यसभा में “भारत के संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा” पर चर्चा के दौरान बाबासाहेब का अपमान किया। विपक्ष ने शाह के बयान का एक वीडियो जारी किया, जिसमें गृह मंत्री को यह कहते हुए सुना जा सकता है, “अब एक फैशन हो गया है- आंबेडकर, आंबेडकर… इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।”

इस बयान के बाद से शाह के खिलाफ विरोध और माफी की मांग तेज हो गई है। विपक्षी दलों का कहना है कि यह बयान बाबासाहेब के सम्मान के खिलाफ है और दलित समाज में गहरी नाराजगी पैदा कर सकता है।

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