अरुण जेटली की गैरमौजूदगी में सदन में कार्यवाहक वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने आज बजट पेश किया. मोदी सरकार यह अंतरिम बजट दो मायनों में बड़ा था. एक तो यह पिछले पांच बजटों की तरह पूर्ण नहीं था, बल्कि अंतरिम बजट था. दूसरा, इस बार बीमारी की वजह से अरुण जेटली बजट पेश नहीं कर रहे, उनकी जगह कार्यवाहक वित्त मंत्री पीयूष गोयल बजट पेश किया. मोदी सरकार ने अपने इस अंतरिम बजट में कई बड़े ऐलान किए है. इनमें से कुछ ऐलान का फायदा युवाओं को मिलेगा. बजट से खुश सरकारी कर्मचारियों को नेश्नल पेंशन स्कीम के साथ प्रोविडेंट फंड में फायदा मिलेगा.
वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने बजट में मध्यम वर्ग के साथ निजी क्षेत्र में नौकरियां करने वाले कर्मचारियों को भी साधने का प्रयास किया है. बजट में ग्रेच्युटी की राशि 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख करने से बार-बार नौकरी बदलने की परंपरा पर भी ब्रेक लगेगा. इस घोषणा से खासकर उन युवाओं को फायदा होगा, जो वेतन बढ़ोतरी सहित अन्य कारणों के चलते थोड़े-थोड़े समय में कंपनी बदल लेते हैं.
एक्सपर्ट्स के अनुसार ग्रेच्युटी की राशि बढ़ने से कर्मचारी प्रोत्साहित होंगे और लंबे समय तक एक ही संस्थान में बने रहेंगे. उनकी बार-बार कंपनी बदलने की परंपरा लगभग खत्म हो जाएगी. यह संशोधन प्रभावी होने के बाद निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के साथ-साथ सार्वजनिक उपक्रमों को भी अधिक ग्रेच्युटी लेने योग्य बना देगा.
बढ़ी ग्रेच्युटी की राशि
ग्रेच्युटी अधिनियम के तहत आने वाले कर्मचारियों के लिए एक उच्च कर लाभ प्रदान करने के अलावा बदलाव से केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1972 के तहत केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए लागू ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा संबंधी समानता भी आएगी. ग्रेच्युटी राशि बढ़ने का फायदा नियोक्ताओं को भी होगा, क्योंकि कर्मचारी बना रहेगा तो कंपनी में कम मंथन होगा.
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