बिना इजाजत न विधानसभा में एंट्री, न ही छोड़ सकेंगे यूपी, अब्बास अंसारी को SC ने शर्तं के साथ दी जमानत

उत्तर प्रदेश के गैंगस्टर एक्ट के तहत जेल में बंद सुभासपा विधायक अब्बास अंसारी को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल गई है। हालांकि, कोर्ट ने इस जमानत को कुछ शर्तों के साथ मंजूर किया है। अब्बास अंसारी को जमानत मिलने के बाद उन्हें लखनऊ स्थित अपने सरकारी आवास में रहने का आदेश दिया गया है। उन्हें यह शर्त भी दी गई है कि वे उत्तर प्रदेश छोड़ने से पहले ट्रायल कोर्ट से इजाजत लेंगे और अपने विधानसभा क्षेत्र में जाने से पहले जिला प्रशासन और ट्रायल कोर्ट से अनुमति प्राप्त करेंगे।

संसदीय क्षेत्र में जाने के लिए अनुमति आवश्यक

सुप्रीम कोर्ट ने अब्बास अंसारी को अपनी विधानसभा क्षेत्र में जाने से पहले जिला प्रशासन और ट्रायल कोर्ट से अनुमति लेने का निर्देश दिया है। इसके अलावा, उन्हें यूपी राज्य छोड़ने से पहले ट्रायल कोर्ट से इजाजत लेने की शर्त भी लागू की गई है।यह शर्त इस कारण लगाई गई है ताकि अब्बास अंसारी मामले में शामिल किसी भी जांच से भागने की कोशिश न करें।

Also Read – चित्रकूट: जेल में अब्बास अंसारी से मिलने पहुंची पत्नी निकहत गिरफ्तार, पुलिस को देख लेने व परिणाम भुगतने की दी धमकी

कोर्ट में चल रहे मामलों पर टिप्पणी पर रोक

सुप्रीम कोर्ट ने अब्बास अंसारी को निर्देश दिया है कि वे कोर्ट में चल रहे मामलों पर कोई सार्वजनिक बयान न दें। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सार्वजनिक बयानबाजी से मामले की निष्पक्षता पर कोई असर न पड़े। हालांकि, कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि अब्बास अंसारी का खुद को बचाने का अधिकार पूरी तरह से सुरक्षित रहेगा और वे अपनी स्थिति को कानूनी तरीके से स्पष्ट करने के लिए सभी वैध उपायों का इस्तेमाल कर सकते हैं।

कोर्ट की पुलिस से रिपोर्ट की मांग

सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस से अब्बास अंसारी की जमानत शर्तों के अनुपालन पर छह सप्ताह के भीतर एक स्थिति रिपोर्ट पेश करने को कहा है। यह रिपोर्ट यह सुनिश्चित करने के लिए मांगी गई है कि अब्बास अंसारी जमानत की शर्तों का पालन कर रहे हैं या नहीं। इससे कोर्ट को यह जानने में मदद मिलेगी कि जमानत शर्तों का उल्लंघन हो रहा है या नहीं।

Also Read -चित्रकूट: अब्बास अंसारी और निकहत की अवैध मुलाकात का किया फर्दाफाश, अब सम्मानित होगी पुलिस टीम

अब्बास अंसारी की गिरफ्तारी

अब्बास अंसारी को पहले अन्य आपराधिक मामलों में 4 नवंबर 2022 को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन गैंगस्टर एक्ट के तहत उनकी गिरफ्तारी 6 सितंबर 2024 को हुई। उनका नाम अब तक कई आपराधिक मामलों में शामिल रहा है, जिनमें जबरन वसूली, मारपीट और अन्य गंभीर आरोप शामिल हैं। इस दौरान उनकी गिरफ्तारी और मामले की जांच को लेकर कई विवाद उठे थे।

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जमानत याचिका की थी खारिज

पिछले साल 18 दिसंबर 2024 को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अब्बास अंसारी की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था। इससे पहले अब्बास अंसारी ने हाई कोर्ट में जमानत के लिए याचिका दायर की थी, जिसे कोर्ट ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं और जमानत मिलने से मामले की जांच में हस्तक्षेप हो सकता है।

Also Read- अब्बास अंसारी शूटिंग प्रैक्टिस के नाम पर कर रहा था कारतूस का अवैध कारोबार, बरामद हुए थे 8 विदेश हथियार व 4431 कारतूस

अपराध और केस

अब्बास अंसारी और उनके साथियों पर आरोप है कि उन्होंने चित्रकूट जिले के कोतवाली कर्वी थाने में 31 अगस्त 2024 को गैंगस्टर एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज करवाई। आरोप है कि अब्बास अंसारी और उनके सहयोगी नवनीत सचान, नियाज अंसारी, फराज खान और शाहबाज आलम खान ने जबरन वसूली करने के अलावा कई अन्य असामाजिक गतिविधियों को अंजाम दिया। इन आरोपों में मारपीट, धमकी देने और अवैध वसूली के अलावा अपराधी गतिविधियों के माध्यम से समाज में भय का माहौल बनाने की कोशिश की गई है।

( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. )