उत्तर प्रदेश के चंदौली जनपद में तैनात डिप्टी एसपी अनिरुद्ध सिंह (Deputy SP Aniruddha Singh) के खिलाफ कोर्ट ने गैर जमानती वारंट (Non Bailable Warrant) जारी किया है। इसके साथ ही डिप्टी एसपी को गिरफ्तार करके कोर्ट में प्रस्तुत करने का आदेश जारी किया गया है। यह आदेश जौनपुर के न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश चतुर्थ ने जारी किया। यही नहीं, कोर्ट ने चंदौली एसपी को आदेश दिया है कि डिप्टी एसपी की सैलरीर रोकते हुए 17 फरवरी को न्यायालय में हाजिर करें।
कोर्ट ने डिप्टी एसपी अनिरुद्ध सिंह के हाजिर न होने पर डीजीपी और रजिस्टार जनरल हाईकोर्ट को सूचित करने के लिए भी कहा है। दरअसल, एक दशक पहले जौनपुर के जफराबाद थाना क्षेत्र में हुई नमिता केसरवानी की हत्या के मुकदमे सटेट बनाम विकास प्रताप में हाई कोर्ट द्वारा जल्द निस्तारण का आदेश दिया गया है।
इस मुकदमे की विवेचना डिप्टी एसपी अनिरुद्ध सिंह ने की थी। उनकी जिरह के लिए पत्रावली कोर्ट में चल रही है। पिछले कई तिथियों से वह गवाही देने नहीं आ रहे हैं। वह कानून-व्यवस्था की ड्यूटी में व्यस्त होने का हवाला देते रहे हैं। कोर्ट ने कहा है कि हत्या का यह मामला 2010 का होने के कारण प्राचीनतम वादों की सूची में सम्मिलित है।
कोर्ट ने कहा कि विवेचक के गवाही देने न आने से मुकदमे के निस्तारण में विलंब हो रहा है। ऐसे में उनके खिलाफ कोर्ट ने अवमानना नोटिस व वारंट जारी किया। इसके बावजूद उपस्थित नहीं हुए। जिस पर कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए एसपी को आदेश जारी किया।
बता दें कि चंदौली में तैनात डिप्टी एसपी जालौन के रहने वाले हैं। उन्हें एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के तौर पर जाना जाता है। 2007 में अनिरुद्ध सिंह ने उत्तर प्रदेश के खूंखार और एक लाख के इनामीया नक्सली संजय कोल का एनकाउंटर किया था, जिसके बाद उन्होंने खूब सुर्खियां बटोरीं। इसके साथ अनिरुद्ध सिंह ने और कई एनकाउंटर किए। इस एनकाउंटर के बाद 2010 में अनिरुद्ध सिंह को आउट आफ टर्न प्रमोशन मिला और सब इंस्पेक्टर से इंस्पेक्टर पर प्रमोट हुए।
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