दिल्ली हिंसा पर चार्जशीट: पथराव के लिए ढाल बनाईं गईं थीं अवैध रूप से रह रहीं बांग्ला बोलने वाली 300 महिलाएं!, उमर खालिद ने रची थी साजिश

दिल्ली पुलिस (Delhi Police) द्वरा कड़कड़डूमा कोर्ट में दाखिल की गई चार्जशीट में बहुत बड़ा खुलासा हुआ है. चार्जशीट के अनुसार, जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद (Umar Khalid) सीएए के विरोध प्रदर्शन में दिल्ली में अवैध तरीके से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों (Bangladeshi citizens) को शामिल करने की योजना पर काम कर रहे थे. दिल्ली दंगों के लिए बतौर ढाल बंगाली भाषा बोलने वाली करीब 300 महिलाओं का इस्तेमाल किया गया था.


महिलाओं को बतौर ढाल किया गया इस्तेमाल

चार्जशीट में कहा गया है कि दिल्ली हिंसा में बंगाली बोलने वाली करीब 300 महिलाओं का इस्तेमाल किया गया था. इतना ही नहीं दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके से इन महिलाओं को जाफराबाद एंटी-सीएए प्रदर्शन साइट पर बुलाया गया था. इन महिलाओं को 7 बसों में बिठाकर जाफराबाद लाया गया था. चार्जशीट के मुताबिक 23 फरवरी को पहले इन्हें बसों में शाहीन बाग प्रदर्शन साइट पर ले जाया गया, जहाँ इन महिलाओं को खाना खिलाया गया और फिर इसके बाद इन्हें जाफराबाद प्रदर्शन साइट पर लाया गया था. चार्जशीट में कहा गया है कि इनमें अधिकतर महिलाएं बुर्खें में थीं और प्रदर्शन के दौरान पथराव में भी शामिल थीं.


उमर खालिद ने रखी थी साजिश

बंगाली बोलने वाली इन महिलाओं को बस का किराया भी दिया गया था. चार्जशीट में कहा गया है कि  इस पूरी प्लानिंग का तानाबाना उमर खालिद ने रचा था. स्पेशल सेल का दावा है कि दिल्ली हिंसा में उमर खालिद एक बड़े मास्टरमाइंड के तौर पर काम कर रहा था.


उमर खालिद व शर्जिल के खिलाफ शार्जशीट दाखिल

दरअसल, रविवार को दाखिल की गई चार्जशीट के मुताबिक, उमर खालिद के खिलाफ दंगों में गिरफ्तार कई आरोपियों ने 164 के तहत बयान दिए हैं. दिल्ली पुलिस ने रविवार को दिल्ली हिंसा की साजिश रचने के आरोप में जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद और शरजील इमाम के खिलाफ कड़कड़डूमा कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी थी. यह चार्जशीट स्पेशल सेल ने आतंकरोधी कानून UAPA के तहत दाखिल की है. इसके साथ ही आईपीसी (IPC) की कई संगीन धाराओं और ऑर्म्स एक्ट के तहत भी कार्रवाई की गई है. चार्जशीट करीब 930 पेज की है.


पहले शरजील और फिर उमर खालिद हुए थे गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस की तरफ से उमर खालिद को 14 सितंबर को दिल्ली हिंसा से जुड़े मामले में गिरफ्तार किया गया था. कड़कड़डूमा कोर्ट ने उमर खालिद की न्यायिक हिरासत 20 नवंबर तक के लिए बढ़ा दी है. दिल्ली पुलिस की तरफ से उनकी न्यायिक हिरासत 30 दिन और बढ़ाने की अर्जी लगाई गई थी. उमर खालिद के वकील ने दिल्ली पुलिस की अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि पुलिस की जांच में इसने सभी तरह से सहयोग किया है. ऐसे में यह आरोप लगाकर कि उमर खालिद जांच में सहयोग नहीं कर रहा है. उसकी न्यायिक हिरासत को बढ़ाने के लिए दिल्ली पुलिस द्वारा लगाई गई अर्जी गलत है.


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