Chhath Puja 2020: जानिए कैसे बनाया जाता है छठ का प्रसाद? ठेकुआ से जुड़ी 5 बातें

स्पेशल न्यूज़: इस साल छठ पूजा का महापर्व 20 नवंबर को मनाया जा रहा है. नहाय खाय के साथ शुरू होने वाले इस पर्व में सूर्य भगवान की विशेष उपासना की जाती है. कार्तिक शुक्ल चतुर्थी से यह त्यौहार मनाया जाता है. इस महापर्व में उगते और डूबते सूरज की पूजा करते हैं. यह व्रत काफी कठिन माना जाता है. नहाय खाय रवियोग में हो रहा है. इसके साथ ही सूर्य भगवान को अर्घ्य द्विपुष्कर योग में दिया जाएगा. छठ पूजा के लिए कुछ चीजों की जरूरत पड़ती है. प्रसाद रखने के लिए बांस की दो तीन बड़ी टोकरी, बांस या पीतल के बने तीन सूप, लोटा, थाली, दूध और जल के लिए ग्लास, नए वस्त्र साड़ी-कुर्ता पजामा, चावल, लाल सिंदूर, धूप और बड़ा दीपक, पानी वाला नारियल, गन्ना जिसमें पत्ता लगा हो, सुथनी और शकरकंदी, हल्दी और अदरक का पौधा, नाशपाती और बड़ा वाला मीठा नींबू, जिसे टाब भी कहते हैं, शहद की डिब्बी, पान और साबुत सुपारी, कैराव, कपूर, कुमकुम, चन्दन, और कई तरह की मिठाई. छठ पूजा में ठेकुआ का बहुत महत्व होता है. ठेकुआ ज्‍यादातर बिहार और झारखंड के लोग बनाते और खाते हैं. ठेकुआ को छठ पूजा के मौके पर विशेष रूप से तैयार किया जाता हैं.


तो चलिए आज हम आपको बताते हैं ठेकुआ बनाने के कुछ नियम-


  1. ठेकुआ को खजुरिया या थिकारी के नाम से भी जाना जाता है. इसे विशेष रूप से छठ पूजा के समय बिहार, मध्य प्रदेश, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश के क्षेत्रों में ज्यादा बनाया जाता है.
  2. थेकुआ को बनाना थोड़ा कठिन होता है. ठेकुआ को वनस्पति तेलों, घी, मेवे और गेहूं के भूने आटे के साथ बनाया जाता है.
  3. ठेकुआ को छठ पूजा में प्रसाद के रूप में बनाया जाता है. इसे मिट्टी के चूल्हे और आम की लकड़ी के ईंधन से बनाया जाता है. जिन लोगों के यहैं मिट्टी का जूल्हा नहीं होता वो कांस के बर्तन में पका सकते हैं.
  4. ठेकुए को गेहूं के आटे तेल गुड या चीनी और काजू, किशमिश, छुहारे, कूटी इलायची और कद्दूकस किया हुआ नारियल या जो आपका मन हो वो ड्राई फ्रूट डाल सकते हैं. इसको मीडियम और धींमी आंच पर ही तलना चाहिए. तेल में जितने ठेकुए आ जाएं उतने ही पलट-पलट कर ब्राउन होने तक तल लीजिये. जब ये ब्राउन हो जाएं तब इन्हें निकाल लें.
  5. माना जाता है कि ठेकुआ को छठ पूजा के दूसरे दिन खरना पर बनाया जाता है. छठ में सूर्य भगवान को अर्घ्य देकर पूजी की जाती है. माना जाता है कि छठ के दिन भगवान सूर्य की बहन की पूजा की भी जाती है.

छठ पूजा का शुभ मुहूर्त-


छठ पूजा सूर्योदय – 06 बजकर 48 मिनट तक.

छठ पूजा सूर्यास्त – 5:26 तक

षष्ठी तिथि आरंभ – 9:58 (नवंबर 19)


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