Chocolate Day: आज मनाया जायेगा चॉकलेट डे, जानें इसका इतिहास और वजह

हर साल की तरह इस साल भी 14 फरवरी के वैलेंटाइन्स डे वीक की शुरुआत 7 फ़रवरी से हो गई है। वैलेंटाइन साल का सबसे खूबसूरत और प्यार भरा दिन माना जाता है। इन दिनों अगल ही मौसम होता है हर कोई बस प्यार में खोया-खोया सा नजर आने लगता है। भले ही वैलेंटाइन डे 14 फ़रवरी को मनाया जाता है लेकिन उससे पहले पूरे हफ्ते तक रोजाना अलग-अलग दिन सेलिब्रेट किए जाते हैं, जिसे वैलेंटाइन्स वीक कहते हैं। इन 7 दिनों में लोग अपने प्यार का अलग-अलग तरीके से इजहार करते हैं। जिसके क्रम में आज चॉकलेट डे है। आज सभी एक दूसरे को चॉकलेट देते हैं। आइए आज आपको चॉकलेट डे का इतिहास और इसे मनाने की वजह बताते हैं।

इसलिए दी जाती है चॉकलेट

जानकारी के मुताबिक, चॉकलेट सेहत के लिए काफी फायदेमंद मानी जाती है। चॉकलेट में कई एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं जो आपके ब्लड फ्लो, हार्ट और स्किन के लिए फायदेमंद मानी जाती है। साथ ही चॉकलेट खाने से मूड भी अच्छा होता है। चॉकलेट इस दिन आपके वैलेंटाइन के लिए कभी न खत्म होने वाले प्यार का प्रतीक है। लोग इस दिन चॉकलेट देकर अपने प्यार का इजहार करते हैं। ऐसे में इस दिन आप अपने पार्टनर को चॉकलेट देकर अपने रिश्ते को और मजबूत कर सकते हैं।

चॉकलेट डे का इतिहास

माना जाता है कि सबसे पहले अमेरिका में 4 हजार साल पहले कोको का पेड़ देखा गया था। अमेरिका के जंगल में कोको के पेड़ की फलियों के बीज से चॉकलेट बनाई गई। दुनिया में सबसे पहले अमेरिका और मैक्सिको ने चॉकलेट पर प्रयोग किया था। कहा जाता है कि सन् 1528 में स्पेन के राजा ने मैक्सिको पर कब्जा कर लिया। यहां राजा को कोको बहुत अच्छा लगा। इसके बाद राजा कोको के बीज को मैक्सिको से स्पेन ले गया। जिसके बाद वहां चॉकलेट चलन में आ गई।

सन 1828 में कॉनराड जोहान्स वान हॉटन नाम ने कोको प्रेस नाम की एक मशीन बनाई। कहा जाता था कि पहले चॉकलेट का स्वाद तीखा होता था। पर जोहान्स ने जो मशीन बनाई थी, उससे उसने चॉकलेट के तीखेपन को दूर किया। सन 1848 में ब्रिटिश चॉकलेट कंपनी जे.एर फ्राई एंड संस ने कोको में बटर, दूध और चीनी मिलाकर इसे सख्त बनाकर चॉकलेट का रूप दिया। ऐसे में समय के साथ-साथ चॉकलेट के स्वाद में भी बदलाव आता गया।

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