बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) की पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) में एक बड़ा विवाद सामने आया है। टीएमसी के दो सांसद, कल्याण बनर्जी (Kalyan Banerjee) और कीर्ति आजाद (Kirti Azad), के बीच 4 अप्रैल को चुनाव आयोग के दफ्तर में तीखी बहस हुई। इसके बाद दोनों के बीच व्हाट्सएप पर भी तीखी नोकझोंक भी सामने आई है।
Soon after the public spat between two TMC MPs in the precincts of the Election Commission of India on 4th April 2025, the irate MP continued slandering the ‘Versatile International Lady (VIL)’…
This is the stuff legends are made of! pic.twitter.com/dsubQrmQUj
— Amit Malviya (@amitmalviya) April 8, 2025
चुनाव आयोग जाने को लेकर असहमति
टीएमसी के सांसदों को 4 अप्रैल को चुनाव आयोग में एक ज्ञापन सौंपने जाना था। पार्टी ने पहले सांसदों को दफ्तर पर इकट्ठा होकर चुनाव आयोग (Election Commission) जाने को कहा था। लेकिन कीर्ति आजाद संसद से सीधे चुनाव आयोग पहुंच गए, जिससे कल्याण बनर्जी को नाराजगी हुई। यही विवाद की शुरुआत बनी।
व्हाट्सएप चैट पर बढ़ी तकरार
कल्याण बनर्जी ने कीर्ति आजाद को व्हाट्सएप पर मैसेज भेजकर कहा कि वह दिल्ली से कोलकाता लौट आए हैं और बीएसएफ और दिल्ली पुलिस से गिरफ्तार करवा लें। इसके बाद कीर्ति आजाद ने उन्हें “ज्यादा पी ली है” और कहा कि वह बच्चों की तरह बर्ताव कर रहे हैं। कीर्ति ने यह भी कहा कि ममता बनर्जी ने उन्हें बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है, लेकिन वह समझदारी से काम नहीं ले रहे हैं।
आंतरिक राजनीति का आरोप
कल्याण बनर्जी ने कीर्ति आजाद पर पार्टी के अंदरूनी राजनीति करने का आरोप लगाया और यह भी कहा कि उन्हें इसी वजह से पार्टी से बाहर किया गया था। उन्होंने कीर्ति को यह याद दिलाया कि वह क्रिकेट चुनाव भी हार चुके थे।
बीजेपी ने मामले को उठाया
Minor correction : date is 4th Apr 2025 and not 2024. https://t.co/Clus9LkNb0
— Amit Malviya (@amitmalviya) April 8, 2025
बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय (Amit Malviya) , ने इस विवाद को उठाया और बताया कि 4 अप्रैल को चुनाव आयोग के दफ्तर में दोनों सांसदों के बीच तीखी बहस हुई थी। उन्होंने व्हाट्सएप पर किए गए संदेशों का जिक्र किया, जिसमें एक अंतरराष्ट्रीय महिला का उल्लेख था।
पुलिस ने किया बीच-बचाव
यह विवाद इतना बढ़ गया कि पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा और दोनों सांसदों के बीच शांति बनाए रखने के लिए कोशिश करनी पड़ी। इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी ममता बनर्जी तक पहुंची, जिन्होंने दोनों सांसदों से शांत रहने की अपील की।
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