‘सिर्फ CM योगी ने हमारे हक को समझा’, आवासीय पट्टा पाकर भावुक हुए पूर्वी पाकिस्तान से आए 63 बंगाली हिंदू परिवार

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने मंगलवार को करीब 52 वर्ष पहले विस्थापित 63 परिवारों को स्थापित किया है। सीएम योगी ने लोक भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में साल 1970 में पूर्वी पाकिस्तान से विस्थापित 63 हिंदू बंगाली परिवारों (Hindu Bengali Families) के पुनर्वासन के लिए कृषि भूमि के साथ ही आवासीय पट्टा भी प्रदान किया।

सभी परिवारों को दी 2-2 एकड़ जमीन

सीएम योगी ने मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत विस्थापित 63 हिंदू बंगाली परिवारों के पुनर्वासन के लिए स्वीकृति पत्र वितरित किया। 53 वर्ष पहले पूर्वी पाकिस्तान से भारत आए बंगाली हिंदुओं को सीएम योगी ने कानपुर देहात जिले के महेंद्र नगर में बसाने की व्यवस्था की है। इन सभी परिवारों को आवास के साथ जीवन में आगे बढ़ने के लिए कृषि योग्य 2-2 एकड़ जमीन भी दी है, जिससे इनका जीवन निर्वहन हो सकेगा।

अभी तक ये सभी 63 परिवार 1970 में पूर्वी पाकिस्तान से आकर मेरठ के हस्तिनापुर में रह रहे थे। ये बीते कई वर्षों से आवास और खेती के लिए कृषि भूमि की मांग कर रहे थे। इनकी मांग को सीएम योगी ने सुना और लखनऊ में सभी 63 परिवारों को आवंटन पत्र सौंपे। सीएम योगी के साथ इस कार्यक्रम में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक व कैबिनेट मंत्री/बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह भी मौजूद रहे।

कानपुर देहात के महेंद्र नगर में बसाया जाएगा

जानकारी के अनुसार, अब इन सभी 63 हिन्दू बंगाली परिवारों को कानपुर देहात जिले के रसूलाबाद के भैसायां गांव के महेंद्र नगर में बसाया जायेगा। बीते वर्ष 11 नवम्बर को ही यूपी कैबिनेट में इन परिवारों की पुनर्वास प्रक्रिया के लिए प्रस्ताव पारित हो गया था। 1971 में बांग्लादेश से आये कुछ परिवारों को भी महेंद्र नगर में ही बसाया गया है और अब पूर्वी पाकिस्तान से आये परिवारों को बसाया जा रहा है। इन सभी परिवारों को आवास के अलावा खेती के लिए दो-दो एकड़ जमीन लीज पर दी गई है।

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हर परिवार को आवास के लिए 200 वर्ग मीटर जमीन और मुख्यमंत्री आवास योजना के माध्यम से घर बनाने के एक लाख 20 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। परिवारों के सदस्यों को इनकी योग्यता अनुसार मनरेगा के तहत काम भी दिया जायेगा। सरकार ने इन परिवारों के लिए 300 एकड़ जमीन चिन्हित किया है और इस भूमि पर इन्हें सिंचाई की सुविधा भी मिलेगी ताकि इन्हें कोई दिक्कत न हो।

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पूर्वी पाकिस्तान से आए सुशील मंडल ने बताया कि पांच दशक से वह लोग संघर्ष कर रहे थे, लेकिन किसी सरकार में इन लोगों की सुनवाई नहीं हुई। आज हमारी आंखों में आंसू हैं, खुशी के आंसू हैं। किसी ने हमारा हक समझा तो वो सीएम योगी आदित्यनाथ हैं।

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