उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की राजनीति और प्रशासनिक गतिविधियों के बीच आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) एक महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता करेंगे। यह बैठक केवल औपचारिक समीक्षा तक सीमित नहीं मानी जा रही है, बल्कि इसे आगामी सरकारी प्राथमिकताओं और कार्यशैली की दिशा का संकेतक माना जा रहा है। बैठक दोपहर 3:30 बजे शुरू होगी, और सभी को 15 मिनट पहले उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है।
सभी मंत्री और अधिकारी स्वयं होंगे मौजूद
सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में प्रदेश के सभी मंत्री, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और अन्य राज्य मंत्री उपस्थित रहेंगे। प्रशासनिक स्तर पर भी पूरी ताकत जुटाई जा रही है। मुख्य सचिव, सभी अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और विभागीय सचिवों को भी अनिवार्य रूप से बैठक में उपस्थित होने के आदेश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि किसी भी अधिकारी की ओर से प्रतिनिधि भेजना स्वीकार्य नहीं होगा। सभी विभागों को अपनी प्रगति रिपोर्ट, लंबित प्रस्तावों की स्थिति और भविष्य की योजनाओं के साथ तैयारी लेकर आना अनिवार्य है।
विकास योजनाओं की समीक्षा पर रहेगा फोकस
बैठक का मुख्य उद्देश्य प्रदेश की विकास योजनाओं की स्थिति की समीक्षा करना है। समयसीमा वाली योजनाओं की वर्तमान प्रगति पर मुख्यमंत्री स्वयं नजर डालेंगे। साथ ही वित्तीय स्वीकृतियों, शिलान्यास और उद्घाटन से जुड़ी लंबित परियोजनाओं पर भी चर्चा होगी। यह भी देखा जाएगा कि किन परियोजनाओं में देरी हो रही है और इसके पीछे क्या कारण हैं।
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आम जनता से जुड़े मुद्दों पर कसा जाएगा शिकंजा
मुख्यमंत्री योगी उन परियोजनाओं पर विशेष ध्यान देंगे, जिनका सीधा असर आम जनता पर पड़ता है। इसमें सड़क, बिजली, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा और आवास से जुड़े विकास कार्य शामिल हैं। जिन विभागों की प्रगति संतोषजनक नहीं पाई गई, उनसे स्पष्ट जवाब मांगे जा सकते हैं। हालिया संगठनात्मक बदलाव के बाद यह बैठक सरकार की नई कार्यप्रणाली और तेजी का संकेत भी मानी जा रही है।
बजट और नए प्रस्तावों पर भी होगी चर्चा
बैठक में बजट प्रावधानों और वित्तीय स्वीकृतियों की स्थिति पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। मुख्यमंत्री यह सुनिश्चित करना चाहेंगे कि जिन योजनाओं के लिए बजट जारी हुआ है, उसका सही और समय पर उपयोग हो रहा है या नहीं। देरी या धन के अनुचित उपयोग पाए जाने पर संबंधित विभागों को निर्देश दिए जा सकते हैं। इसके अलावा, नई योजनाओं और प्रस्तावों पर भी विचार-विमर्श संभव है।
संभावित मंत्रिमंडल विस्तार से जुड़े राजनीतिक संकेत
राजनीतिक हलकों में इस बैठक को आगामी संभावित मंत्रिमंडल विस्तार से जोड़कर देखा जा रहा है। खरमास के बाद मंत्रीमंडल विस्तार की चर्चाएं तेज हैं, और माना जा रहा है कि सरकार नए चेहरों को शामिल करने के साथ संगठन में संतुलन साधने की कोशिश कर सकती है। जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों को ध्यान में रखते हुए राजनीतिक और सामाजिक संतुलन बनाए जाने की संभावना है।
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किन विभागों को मिलेगी सख्ती
यह बैठक केवल नियमित समीक्षा तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि प्रशासनिक सख्ती और राजनीतिक संकेत देने का जरिया भी होगी। यह तय करेगा कि उत्तर प्रदेश सरकार किस गति और दिशा में आगे बढ़ेगी। सभी की निगाहें इस बात पर हैं कि मुख्यमंत्री किन विभागों में कड़ाई दिखाएंगे और किन योजनाओं को तेजी से आगे बढ़ाने के निर्देश देंगे।
















































