पूर्वोत्तर रेलवे के वरिष्ठ प्रशासनिक अफसर को अनिवार्य सेवानिवृत्ति, रेलवे बोर्ड की धारा 56(J) के तहत कार्रवाई

मुकेश कुमार संवाददाता गोरखपुर: पूर्वोत्तर रेलवे के एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी को रेलवे बोर्ड ने धारा 56(J) के तहत अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी है। यह कार्रवाई अधिकारी के 50 वर्ष की उम्र पूरी होते ही 19 फरवरी को की गई। गोरखपुर मुख्यालय में तैनात इस अधिकारी को हटाने का नोटिस जारी कर दिया गया है।
इस कार्रवाई के बाद पूरे रेलवे प्रशासन में हड़कंप मच गया है। हटाए गए अधिकारी पर 2015 में एक बाहरी व्यक्ति से 20 लाख रुपये घूस लेने का आरोप लगा था। इस मामले में सीबीआई ने केस दर्ज कर जांच की थी।
2015 में घूस का आरोप, सीबीआई ने की थी जांच
सूत्रों के मुताबिक, 2015 में रिश्वतखोरी के आरोप के बाद सीबीआई ने जांच शुरू की थी। उस दौरान सीबीआई की टीम ने गोरखपुर और वाराणसी में अधिकारी के तैनात रहने के दौरान छापेमारी कर दस्तावेज खंगाले थे। हालांकि, 2016 के बाद मामला शांत हो गया और अधिकारी को मुख्यालय के परिचालन विभाग में तैनाती मिल गई।
अचानक हुआ रेलवे बोर्ड का बड़ा फैसला
बीते बुधवार को रेलवे बोर्ड ने अचानक धारा 56(J) के तहत अधिकारी को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने का फैसला लिया। जानकारों के अनुसार, अधिकारी की अभी 10 साल की सेवा शेष थी, लेकिन रेलवे बोर्ड ने अपने विशेष अधिकारों का प्रयोग करते हुए यह निर्णय लिया।
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रेलवे में इस कार्रवाई के बाद अन्य अधिकारियों में भी हलचल देखी जा रही है। माना जा रहा है कि रेलवे बोर्ड की यह कार्रवाई आगे भी जारी रह सकती है और प्रदर्शन व भ्रष्टाचार के मामलों में फंसे अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई हो सकती है