यूपी में विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election) से पहले टिकट को लेकर घमासान मचा हुआ है। एक तरफ जहां टिकट कटने की आशंका के बाद नेता पार्टी बदल रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ टिकट नहीं मिलने पर कांग्रेस नेता ने आत्मदा की धमकी दे डाली है। कांग्रेस नेता मेहराज जहां (Mehraj Jahan) ने विधानसभा चुनाव के लिए मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) जिले से टिकट नहीं मिलने के बाद आत्मदाह करने की धमकी दी है। उन्होंने आरोप लगाया है कि कई सालों तक वह पार्टी के लिए काम करती रहीं। इसके बाद भी उन्हें टिकट नहीं दिया गया, जो उनके साथ अन्याय है।
कांग्रेस पर लगाया पैसे मांगने का आरोप
मुजफ्फरनगर की पार्टी सचिव मेहराज जहां को कांग्रेस से टिकट न मिलने के बाद रोते देखा गया था। इसके बाद किसी ने उनका वीडियो बनाया और सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। वायरल वीडियो में मेहराज जहां कांग्रेस से टिकट न मिलने की बात पर रोते दिख रही हैं। मेहराज ने रोते हुए पार्टी कार्यकर्ताओं पर टिकट के लिए पैसे मांगने का भी आरोप लगाया है। यही नहीं मेहराज ने कई सालों से पार्टी के साथ काम कर रहे लोगों को टिकट नहीं देने पर निराशा भी जताई है।
कांग्रेस से मुज़फ़्फ़रनगर सदर से टिकट न मिलने पर कांग्रेस नेता मेहराज जहां फूट फूट कर रो रहीं हैं .. मेहराज का कहना है कि मेहनत करने के बाद भी कांग्रेस ने उनकी अनदेखी की और वो प्रियंका से टिकट की गुहार लगाते हुए नज़र आईं …@ndtv pic.twitter.com/U4J6S7dHkr
— Saurabh shukla (@Saurabh_Unmute) January 20, 2022
मेहराज जहां ने पार्टी नेताओं पर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी का ‘लड़की हूं लड़ शक्ति हूं’ अभियान एक मात्र टैगलाइन है। मैं सालों से कांग्रेस का झंडा पकड़े हुए हूं, लेकिन आज खुद को ठगा हुआ महसूस कर रही हूं। मेहराज ने कहा कि 40 प्रतिशत फार्मूले के अनुसार, पार्टी को जिले की छह सीटों के लिए कम से कम दो महिला उम्मीदवारों को मंजूरी देनी चाहिए थी। प्रियंका गांधी वाड्रा कहती हैं ‘लड़की हूं लड़ शक्ति हूं’ लेकिन कांग्रेस पार्टी को बेटियों की परवाह नहीं है। अगर मुझे इंसाफ नहीं मिला तो मैं आत्महत्या कर लूंगी। मेराज जहां ने पिछले 13 साल से पार्टी में अपने काम के बारे में भी बात की।
मेहराज जहां ने कहा कि मेरे आंसुओं के पीछे का कारण यह है कि कांग्रेस में 12 से 13 साल हो गए हैं, पहले भी मुझे टिकट मिलना था, लेकिन लोक दल के साथ गठबंधन के कारण इसे रद्द कर दिया गया, कोई बात नहीं। इस बार उन्हें उम्मीद थी कि टिकट मिलेगा, लेकिन नहीं मिला। अब प्रियंका गांधी अभियान के साथ आईं- लड़की हूं लड़ सकती हूं, मेरे जैसे लोग जमीनी स्तर पर काम कर रहे हैं, हम अनुभवी नेता हैं, हमने कांग्रेस का झंडा उठाया, हमने पार्टी के लिए खर्च किया। जब चुनाव की बात आई तो किसी और को टिकट दे दिया, क्या यह अन्याय नहीं है? कांग्रेस ने मुजफ्फरनगर से सुबोध शर्मा को मैदान में उतारा है।