वैसे तो आपने सोशल मीडिया पर अक्सर ही अराजपत्रित पुलिसकर्मियों को मिलने वाले भत्तों के बारे में सुना होगा. पर क्या आप जानते हैं कि जहां एक तरफ मंहगाई आसमान छू रही है वहीं दूसरी तरफ सिपाहियों को मिलने वाले भत्तों के बारे में सुनकर आप भी हैरान हो जाएंगे. दरअसल, रिपोर्ट्स की माने तो आज के समय में भी हवालात में बंद मुल्जिमों और सिपाहियों को आज भी प्रतिदिन तीन खुराक का भत्ता 60 रुपये मिल रहा है. यानि एक खुराक बीस रुपये की. आप ही सोचिए आज के समय में 20 रूपए में भरपेट खाना कोई कैसे खा सकता है.
ऐसे कैसे भरेगा पेट
जानकारी के मुताबिक, आज भी हवालात में बंद मुल्जिमो वर्षो पुराना प्रतिदिन तीन खुराक का पुराना भत्ता 60 रुपये मिल रहा है. यानि एक खुराक के 20 रुपये निर्धारित है. 20 रुपए में किसी का कैसे पेट भरा जाए? इसे लेकर थाना प्रभारी तनाव में हैं. पुलिस किसी तरह हवालात में बंद मुल्जिमों का पेट भर रही है. मुल्जिमो को तो चलो जैसे ना जैसे इंतजाम हो ही जाता है, पर बात सिपाही के लिए बड़ी है.
इसी तरह एक सिपाही जो दिन रात लोगों की सुरक्षी में तैनात रहते हैं, जिन्हे सबसे ज्यादा पोष्टिक खाने की जरूरत होती है उनके लिए भी यही भत्ता आता है. सिपाही को भी हर माह में 1800 रुपये फूड भत्ता शासन की तरफ से मिलता है, यानि 60 रुपये एक दिन के, अर्थात एक खुराक के 20 रुपये, एक सिपाही ने बताया कि उन्हें एक खुराक के 20 रुपये मिलते हैं, लेकिन उन्हें एक समय का खाना 70 से 80 रुपये में पड़ता है.
कई एसएसपी कर चुकें हैं भत्ता बढ़ाने की बात
सहारनपुर के पूर्व कप्तानों में डा. एस चन्नपा, दिनेश पी आदि शासन को पत्र भेजकर खुराक भत्ता बढ़ाने की बात कह चुके हैं, लेकिन अभी तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है. वर्तमान में 100 रुपये से लेकर 150 रुपये प्रति किलो से कम कोई दाल नहीं है. आलू भी 60 रुपये में पांच किलो मिल रहा है. अधिकतर थानों में चलने वाले मैस में सिपाही हो या फिर हवालात में बंद मुल्जिम को आलू की सब्जी या फिर दाल ही दी जाती है. क्योंकि इस मंहगाई में कुछ और खिलाना पुलिसकर्मियों के हाथ में नहीं है.
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