कानपुर में बदमाशों को पकड़ने गई पुलिस पर किए गए हमले में सीओ और एसओ समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए हैं. इस घटना ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. क्या इस शहादत के पीछे अंग्रेजों द्वारा 1851 में बनाया गया वह कानून है जिसमें आज तक कोई बदलाव नहीं हुआ है, और जो पुलिस को एक स्वतंत्र रूप से काम नहीं करने देता. क्या पुलिस रिफॉर्म में कमी खाकी पर हमले को बढ़ावा दे रहा है. ऐसे तमाम गंभीर सवाल आज उठ रहे हैं.
कानपुर जिले में पुलिसकर्मियों पर हुए हमले के बारे में जिसने जिसने सुना, उसकी रूह कांप गई. घटना को देखकर ऐसा लगा कि जैसे बदमाश विकास दुबे को इस दबिश की जानकारी पहले से ही थी. इसे पुलिसिया तंत्र की एक बड़ी चूक के तौर पर देखा जा रहा है. इसी के चलते बड़ी साजिश के साथ पुलिसकर्मियों पर हमला बोला गया. हमले में हैवानियत की सारी हदें पार कर दी गईं. मानों, जैसे पुलिसकर्मियों को मारने के लिए ही पूरी प्लानिंग की गई हो.
मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने बयां की दास्तां
घटना के समय मौजूद पुलिसकर्मियों की मानें तो कि जिस समय टीम दबिश देने गई तो वहां पहले बीच सड़क पर जेसीबी खड़ी करके पुलिस टीम को रोकने की कोशिश की गई. बाद में गांव के अंदर पुलिस टीम दाखिल हुई तो हमला कर दिया गया. तीन पुलिस टीमें बनाई गई थी, हमला होने पर एक टीम पीछे हटकर बैकअप करने लगी. वहीं दो टीम के सदस्यों ने आगे बढ़कर मोर्चा लिया.
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आगे बढ़ रहे सीओ ने एक घर के अंदर घुसकर मोर्चा लेने की कोशिश की तो बदमाशों ने उन्हें बाहर खींच लिया और उनके सिर पर गोली मार दी. इसी तरह सिपाहियों को पकड़कर लिया और पीट-पीटकर माैत के घाट उतार दिया. सीओ, दारोगा व सिपाहियों को जिस तरह मारा गया, उससे प्रतीत हो रहा है कि पहले से ही पूरी तैयारी कर ली गई थी.
सीएम ने दिए आदेश
घटना के बाद से सीएम योगी आदित्यनाथ लगातार DGP एचसी अवस्थी, अपर मुख्य सचिव और जिलाधिकारी के संपर्क में हैं. घटना की जानकारी मिलते ही सीएम मे अधिकारिओं को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. मामले की रिपोर्ट भी सीएम ने जल्द से जल्द मांगी है. उन्होंने शहीद हुए पुलिस कर्मियों की मौत पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने उनके परिवारों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं.
ये पुलिसकर्मी शहीद
खबर मिलने के बाद एसएसपी और आईजी घटनास्थल पर पहुंच चुके हैं. फरेंसिक टीम भी यहां छानबीन में जुट गई है. डीएसपी देवेंद्र मिश्र,एसआई अनूप कुमार सिंह, एसआई नेवूलाल, एसओ महेश चंद्र यादव, कॉन्स्टेबल सुल्तान सिंह, कॉन्स्टेबल राहुल, कॉन्स्टेबल जितेंद्र और कॉन्स्टेबल बबलू इस हमले में शहीद हुए हैं. इसके अलावा बिठूर थाना प्रभारी कौशलेंद्र प्रताप सिंह समेत सात पुलिसकर्मियों को गोली लगी है.
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