आम तौर एक कहावत कही जाती है कि मेहनत का फल जरूर मिलता है. लेकिन, यहां मजदूरों से रात भर मेहनत करवाने के बाद उन्हें उस मेहनत का फल भी नहीं दिया गया. हम बात कर रहे है भीतरगांव ब्लॉक की ग्राम पंचायत चतुरीपुर की. जहां एक फर्जी नाले की खुदाई का मामला सामने आया है. जिसमें की खुदाई करने के बाद मजदूरों की 46 दिन की मजदूरी हड़पने की बात भी सामने आई है. जब इसके बारें में ग्रामीणों ने शिकायत की तो सीडीओ ने 3 सदस्यीय जांच दल गठित की थी. जिनकी जांच में पाया गया था कि समय पर नाले और तालाब की खुदाई नहीं हुई है.
जांच के बाद दिए खुदाई के आदेश
3 सदस्यीय जांच दल गठन के दौरान जब पाया गया कि समय पर नाले और तालाब की खुदाई नहीं हुई है. उसके बाद जांच दल ने गांव के प्रधान व सचिव को 2 दिन के अंदर नाले और तालाब की खुदाई का आदेश दिया था. 2 दिन का समय मिलने के बाद प्रधान व सचिव मजदूरों से रातोरात खुदाई करवा रहे है. जिससे आक्रोशित ग्रामीणों ने इसकी शिकायत एसडीएम से की. एसडीएम ने पूरे मामले को देखते हुए कहा है कि जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक खुदाई नहीं कराई जाएगी.
ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान पर लगाया मनरेगा धांधली का आरोप
ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा है कि भीतरगांव ब्लॉक के ग्राम पंचायत चतुरीपुर के निवासी अमित सचान, राज बाबू, आकाश सचान, भाउ सिंह सचान आदि ने ग्राम प्रधान के साथ मिलकर मनरेगा के कामों में धांधली की है. ग्रामीणों ने बताया कि मजदूरों पर दबाव बनाकर उनसे रातोंरात खुदाई कराई जा रही है.
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