लाइफस्टाइल: कोरोना महामारी से बढ़ती मरीजों की संख्या से लोगों में काफी डर और दहशत का माहौल है. इस वजह से लॉकडाउन की तारीख़ भी बढ़ती नजर आ रही है. इस महामारी के कारण लोगों को घर में ही बैठना पड़ रहा है जिससे उनमें कई तरह के तनाव, स्ट्रेस जैसी कई समस्याएं होती नजर आ रहीं हैं. घर में रहने से लोगों के इमोशन और कई भावनाएं उमड़ कर बाहर आ रही हैं. लोगों को दोस्तों, रिश्तेदारों, ऑफिस की याद आ रही है. इस महामारी की वजह से लोगों के कई प्लान कैंसिल होते नजर आ रहे हैं. महामारी का प्रकोप शुरू हुआ है, तभी से लोग चिंता, तनाव, भ्रम, शंका, चिड़चिड़ापन, गुस्सा और दुख जैसे भावों से भर गए हैं. रहे हैं. कई लोगों को यह भी समझ में नहीं आ रहा कि अब क्या करना चाहिए. इस सबका आपके मेंटल हेल्थ पर बहुत बुरा असर पड़ता है. ऐसे वक्त में जब इतने सारे बदलाव एक साथ और अचानक हो रहे हों तब आपको चाहिए कि आप खुद को परिस्थितियों के अनुसार ढालें.
समाधान ढूंढने पर ध्यान दें-
कई बार हमारे साथ ऐसी कई चीजें होती हैं जो उन्हें गुस्सा दिलाती है, ऐसे में लोग काफी चिड़चिड़े और झल्लाहट से भर जाते हैं. आप काफी कुछ कर लेते हैं लेकिन फिर भी बहुत सी बातें हैं, जिनका समाधान आपके पास ही है. ये सोचने की बजाय कि अगर आपने कुछ किया तो क्या होगा, आगे बढ़ें और बिना चिंता किए उस काम को कर लें क्योंकि आप इसमें सफल होंगे या नहीं, इस बात का पता आपको तब तक नहीं चलेगा, जब तक आप इसे करने की कोशिश नहीं करेंगे.
इमोशन्स करें महसूस-
जो भावनाहीन होते हैं उन्हें किसी का दुःख दर्द ज्यादा महसूस ही नहीं होता है, इसलिए आपको कब, कैसा, किसके साथ महसूस करना है यह जानना पहचानना बहुत जरूरी है. इसलिए अपनी भावनाओं को बांधने की कोशिश न करें. ऐसा करना आपके लिए हालात को थोड़ा और अनकंफर्टेबल बना देगा. फिर आपके लिए अपनी डेली लाइफ में भी हालात को काबू करना मुश्किल हो जाएगा. इसलिए अपनी भावनाओं की कद्र करें. ऐसा करने से आप खुद से मिल पाएंगे, खुद को करीब से जान पाएंगे और अपनी जरूरतों को भी समझ पाएंगे.
रिलेशन के लोगों पर प्यार जताएं-
हर किसी को समय-समय पर प्यार और मदद की जरूरत होती है. खासकर इस मुश्किल दौर में प्यार किसी दवाई से कम नहीं है. इस समय अपने प्रियजनों पर प्यार लुटाएं. फिर चाहे वह आपके घर का सदस्य हो, करीबी दोस्त हो या कोई अन्य. इस समय जब हर कोई भावनाओं के ज्वार से गुजर रहा है तो यही चाहता है कि कोई उसकी भी सुने, कोई कंधा मिले, जिस पर सिर रख कर वह रो सके. आप सुनें, मजबूत कंधा बनें इससे आपको भी परिस्थितियों के अनुसार ढलने में मदद मिलेगी.
एक दूसरे के साथ अनुभव शेयर करें-
बंद कमरे में धीरे-धीरे ऑक्सीजन खत्म होने लगता है और सांस लेना भी काफी कठिन हो जाता है. इसलिए खुद को खुला रखें. जब भी कुछ अच्छा या बुरा अनुभव करें तो उसे दूसरों के साथ शेयर करें. इससे उन्हें भी आपके दुख में शरीक होने का मौका मिलेगा और खुशी में साथ मिलकर हंस लेंगे. ऐसा करने से आपके प्रति नजरिए में भी बदलाव आएगा. वह आपको नई नजर से देखेने लगेंगे और आप खुद में भी सकारात्मक बदलाव महसूस करेंगे.
पॉजिटिव सोच पर रहे बरक़रार-
किसी पर विश्वास रखना बड़ी बात होती है. खासकर इस मुश्किल दौर में अपने विश्वास पर टिके रहना बड़ी बात है. जब हर तरफ निराशा का माहौल हो, कहीं से भी कोई खुशखबरी सुनने को नहीं मिल रही हो, ऐसे वक्त में अपने विश्वास पर कायम रहें. विश्वास बनाए रखें कि एकदिन सब ठीक हो जाएगा. अगर धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियां आपको आराम देती हैं तो उन्हें जारी रखें. ऐसी गतिविधियों के लिए अतिरिक्त समय निकालें
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