मेरठ में 4 लाख रिश्वत लेते क्राइम ब्रांच इंस्पेक्टर महेंद्र सिंह रंगे हाथों गिरफ्तार, विजिलेंस की बड़ी कार्रवाई

24 दिसंबर, मेरठ। उत्तर प्रदेश के मेरठ में विजिलेंस टीम ने हापुड़ क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर महेंद्र सिंह को 4 लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। यह मामला बागपत के 2021 के रिछपाल हत्याकांड से जुड़ा है, जहां इंस्पेक्टर दो आरोपियों का नाम मुकदमे से हटाने के बदले रिश्वत मांग रहे थे। शिकायतकर्ता लोकेश बैसला की शिकायत पर ट्रैप लगाकर बुधवार 24 दिसंबर 2025 को रोहटा रोड क्षेत्र में गिरफ्तारी हुई। यह भ्रष्टाचार के खिलाफ विजिलेंस की बड़ी कार्रवाई है।

उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेंस) की मेरठ टीम ने भ्रष्टाचार पर बड़ी स्ट्राइक की है। हापुड़ जनपद की क्राइम ब्रांच (डीसीआरबी और रिट सेल) में तैनात इंस्पेक्टर महेंद्र सिंह को 4 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया। गिरफ्तारी मेरठ के रोहटा रोड इलाके में हुई, जो कथित तौर पर इंस्पेक्टर के निजी मकान के पास का क्षेत्र है।

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क्या है पूरा प्रकरण

यह पूरा प्रकरण बागपत जिले के खेकड़ा थाना क्षेत्र के गोटखा गांव में हुए 2021 के रिछपाल हत्याकांड से जुड़ा है। गांव निवासी लोकेश बैसला ने रिछपाल से जमीन खरीदी थी। कुछ समय बाद रिछपाल का शव पेड़ से लटका मिला था। परिजनों ने लोकेश बैसला समेत मनोज और अजय पाल सहित कई लोगों पर हत्या का मुकदमा दर्ज कराया। केस की जांच पहले बागपत पुलिस कर रही थी, लेकिन बाद में इसे हापुड़ क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर कर दिया गया। इंस्पेक्टर महेंद्र सिंह इसकी विवेचना कर रहे थे। आरोप है कि उन्होंने लोकेश बैसला से मनोज और अजय पाल का नाम चार्जशीट से हटाने के बदले 4 लाख रुपये की मांग की। लगातार दबाव बनाने पर लोकेश ने मेरठ विजिलेंस में शिकायत दर्ज कराई।

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शिकायत और गिरफ्तारी

शिकायत की प्रारंभिक जांच में आरोप सही पाए गए। विजिलेंस टीम ने योजना बनाकर ट्रैप लगाया। केमिकल पाउडर लगी 4 लाख रुपये की राशि शिकायतकर्ता को दी गई। तय जगह पर जैसे ही इंस्पेक्टर ने पैसे लिए, टीम ने उन्हें दबोच लिया। गिरफ्तारी के समय इंस्पेक्टर ने टीम को हड़काने की कोशिश की और मुंह छिपाने का प्रयास किया, जैसा कि कुछ रिपोर्ट्स में जिक्र है। इंस्पेक्टर महेंद्र सिंह पहले हापुड़ के कई थानों (जैसे हाफिजपुर, कपूरपुर, हापुड़ देहात, बाबूगढ़, सिंभावली) में थाना प्रभारी रह चुके हैं। यह कार्रवाई भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रहे अभियान का हिस्सा मानी जा रही है।