बीवी ने खत लिखकर शौहर को दिया ‘तीन तलाक’, उलेमा बोले- इस्लाम में हराम है ये

सहारनपुर: अमूमन आपने अभी तक पुरुषों द्वारा ही अपनी पत्नियों को तलाक देने के मामले देखे और सुनें होंगे लेकिन यूपी के सहारनपुर जिले के नकुड़ इलाके के एक गांव से तीन तलाक का अनोखा मामला सामने आया है. मामले का खुलासा तब हुआ जब पीड़ित पति ने पुलिस से अपनी पत्नी को वापस ले आने की गुहार लगाई. वहीँ इस मामले पर पति को उलेमाओं का साथ मिलता दिख रहा है. देवबंदी मोबाइल सर्विस ऑनलाइन फतवा विभाग के चेयरमैन मुफ़्ती अरशद फारुकी ने इसे इस्लाम में हराम करार दिया है.

 

जानें क्या है पूरा मामला

दरअसल जिला यमुनानगर निवासी एक महिला का निकाह करीब 10 साल पहले नागल निवासी अब्बास के साथ हुआ था. निकाह के बाद महिला मां भी बनी. जिसके बाद पति-पत्नी में झगड़ा होने लगा और धीरे धीरे दोनों के बीच मारपीट भी होने लगी. महिला का आरोप है कि पहले अब्बास ने उसको तीन तलाक दिया था जिसके बाद उसने भी खत लिख कर अब्बास को तलाक दे दिया.

 

तलाक देने के बाद महिला ने सहारनपुर के गांव लखनौती निवासी प्रेमी नसीम के साथ निकाह कर लिया और उसके साथ लखनौती चली गई. पत्नी के चले जाने के बाद अब्बास ने थाना जठलाना में तहरीर देकर पत्नी को लाने की गुहार लगाईं. पुलिस ने मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी. पुलिस पूछताछ में महिला ने बताया कि उसका पति अब्बास उसके साथ मारपीट करता रहता था. वह उससे छुटकारा पाना चाहता थी. इसलिए उसने पति को तलाक देकर प्रेमी नसीम के साथ निकाह कर लिया और अपने प्रेमी के साथ ही रह रही है.

 

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उलेमाओं ने इसे शरीयत के खिलाफ बताया

महिला के तलाक देने पर देवबंदी उलेमाओं ने न सिर्फ नाराजगी जताई है बल्कि इस तलाक को शरीयत के खिलाफ बताया है. मोबाइल सर्विस ऑनलाइन फतवा विभाग के चेयरमैन मुफ़्ती अरशद फारुकी ने कहा कि शरीयत के मुताबिक इस्लाम में महिला का तलाक देना वाजिब नहीं है. इस्लाम में किसी भी महिला को लिख या तीन तलाक बोल कर शौहर को तलाक देना मान्य नहीं है. यह इस्लाम के खिलाफ है.

 

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