उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में पिछले साल बिकरू कांड हुआ था. जिसमे सात पुलिसकर्मियों ने अपनी जान गंवाई थी. जिसके बाद सरकार ने सभी शहीदों के परिजनों को आर्थिक मदद और उनके घर के एक सदस्य को नौकरी का वादा किया था. अब ये वादा पूरा होता दिख रहा है. दरअसल, शहीद सीओ की बेटी वैष्णवी मिश्रा को विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी) के पद पर नियुक्ति मिल गई है. वहीँ दूसरी तरफ बिकरू में शहीद हुए एक सिपाही के भाई ने भी खाकी पहन ली है. फ़िलहाल दोनों को ही कानपुर कमिश्नरी में तैनाती मिली है.
पदभार किया ग्रहण
जानकारी के मुताबिक, दो जुलाई 2020 की रात पुलिस ने गैंगस्टर विकास दुबे की गिरफ्तारी के लिए बिकरू गांव में दबिश दी थी. इस दौरान विकास दुबे व उसके गुर्गों ने हमला कर आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी. इसमें बिल्हौर सीओ देवेंद्र मिश्रा (मूल रूप से बांदा निवासी) भी शहीद हुए थे. उनकी बड़ी बेटी वैष्णवी मिश्रा ने ओएसडी पद के लिए आवेदन किया था. एक साल तक चली प्रक्रिया के बाद वैष्णवी को नियुक्ति मिल गई है. वैष्णवी की तैनाती पुलिस मुख्यालय में की गई थी लेकिन अब उनका तबादला कानपुर कमिश्नरी में कर दिया गया है. पुलिस ऑफिस में उन्होंने पदभार ग्रहण कर लिया है.
इसके साथ ही बिकरू कांड में आगरा के फतेहाबाद थाना क्षेत्र के नगला लोहिया गांव निवासी सिपाही बबलू कुमार भी शहीद हुए थे. बबलू की तैनाती बिठूर थाने में थी. बबलू के छोटे भाई उमेश ने भर्ती के लिए आवेदन किया था. फिजिकल और मेडिकल परीक्षा पास करने के बाद उमेश ने अब खाकी पहन ली है. नियुक्ति के बाद कानपुर पुलिस कमिश्नरी में ही उनको तैनाती मिली है. फिलहाल पुलिस लाइन में तैनात हैं. सोमवार से छुट्टी पर घर गए.
वहीँ इसके अलावा आश्रितों की बात करें तो दरोगा अनूप सिंह, दरोगा नेबूलाल और सिपाही राहुल कुमार की पत्नियों ने दरोगा पद के लिए आवेदन किया है. राहुल कुमार की पत्नी दिव्या ने फिजिकल पास भी कर लिया है. जिसकी प्रक्रिया जारी है. अन्य के भी भर्ती होने की प्रक्रिया चल रही है. इसके अलावा अन्य तीन पुलिसकर्मियों के परिजनों ने नौकरी के लिए अभी आवेदन नहीं किया है. अगर इनकी तरफ से कोई एप्लिकेशन आती है तो उसके हिसाब से आगे की कार्रवाई की जाएगी.
क्या था बिकरू कांड
दो जुलाई 2020 की रात को चौबेपुर के जादेपुरधस्सा गांव निवासी राहुल तिवारी ने विकास दुबे व उसके साथियों पर हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज कराया था. एफआईआर दर्ज करने के बाद उसी रात करीब साढ़े बारह बजे तत्कालीन सीओ बिल्हौर देवेंद्र कुमार मिश्रा के नेतृत्व में बिकरू गांव में दबिश दी गई. यहां पर पहले से ही विकास दुबे और उसके गुर्गे घात लगाए बैठे थे. घर पर पुलिस को रोकने के लिए जेसीबी लगाई थी. पुलिस के पहुंचते ही बदमाशों ने उनपर छतों से गोलियां बरसानी शुरू कर दी थीं. चंद मिनटों में सीओ देवेंद्र मिश्रा समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर ये सभी फरार हो गए थे. हालाँकि इस एनकाउंटर के मुख्य आरोपी मुठभेड़ में मारे गए वहीँ साजिश रचने वाले अब सलाखों के पीछे हैं.
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