उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह अब देवबंदी उलेमा के निशाने पर आ गए हैं। डीजीपी द्वारा मुसलमानों के साथ होने वाली धार्मिक उत्पीड़न की घटनाओं को झूठा बताने वाले बयान पर उलेमा ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है। उलेमा ने आरोप लगाया है कि डीजीपी ओपी सिंह का बयान मुसलमानों को बदनाम करने वाला है।
उलेमा ने की जांच और कार्रवाई की मांग
जानकारी के मुताबिक, गुरुवार को इत्तेहाद उलमा-ए-हिंद के उपाध्यक्ष मौलाना मुफ्ती असद कासमी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस्लाम झूठ बोलने की इजाजत नहीं देता जो इस तरह का झूठ बोलता है सरकार को चाहिए कि उनकी जांच कराए और उनके विरुद्ध कार्रवाई कराए।
उन्होंने कहा कि जो लोग इस तरह की अफवाह उड़ाते हैं उनके साथ साथ बेगुनाहों का खून बहाने वाले लोगों के विरुद्ध कानून बनाना चाहिए और उन पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह मुसलमानों को बदनाम करने की साजिश है। क्या भीड़ हिंसा में तबरेज अंसारी व पहलू खान की हत्या नहीं हुई।
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उन्होंने कहा कि हमें लगता है कि दबाव में आकर इस तरह के बयान दे रहे हैं। ऐसे बयान देने से अच्छा है कि पूरी ईमानदारी के साथ जांच करें और उसके बाद कोई बयान दें। साथ ही कहा कि जब भी भीड़ हिंसा होती है तो ऐसा करने वाले आरोपी खुद ही उसकी वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल करते हैं। क्या उन्हें झुठलाया जा सकता है।
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