‘दिशा छात्र संगठन’ और ‘नौजवान भारत सभा’ द्वारा चन्द्रशेखर आज़ाद की विरासत’ विषय पर परिचर्चा

मुकेश कुमार संवाददाता गोरखपुर। ‘दिशा छात्र संगठन’ और ‘नौजवान भारत सभा’ द्वारा शहीद चन्द्रशेखर आज़ाद के शहादत दिवस (27 फ़रवरी) पर चलाये जा रहे 5 दिवसीय ‘शहीद स्मृति अभियान’ के तहत आज गोरखपुर विश्वविद्यालय में ‘चन्द्रशेखर आज़ाद की विरासत’ विषय पर परिचर्चा की गई। कार्यक्रम का संचालन धर्मराज ने किया।
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कार्यक्रम के दौरान बात आकाश ने रखते हुए कहा कि चन्द्रशेखर आज़ाद की लड़ाई सिर्फ़ अंग्रेजों से नहीं बल्कि वो हर प्रकार के लूट और शोषण के ख़िलाफ़ थी। वे एक ऐसे समाज के निर्माण के लिए लड़ रहे थे जहाँ एक इन्सान द्वारा दूसरे इन्सान का शोषण असम्भव बना दिया जाए जहां सबके लिए समान न्याय समान अवसर हो। लेकिन आज मेहनतकश अवाम की जिंदगी बद् से बदतर होती जा रही है। शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार जैसे मूलभूत सुविधाओं से मेहनतकश आबादी कोसों को किया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ देश में लगातार अरबपतियों एवं करोड़पतियों की संख्या बढ़ती जा रही है। दिन प्रतिदिन अमीरी और गरीबी की खाई बढ़ती जा रही है। इसके साथ ही देश में लगातार सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने की कोशिश की जा रही है। लोगों को जाति और धर्म के नाम पर बांटा जा रहा है। उन्हें संगठित होने से रोका जा रहा है।
ऐसे समय में आज ज़रूरत है कि आज़ाद की बातों को अब और अनसुना किए बग़ैर आम मेहनतकश लोगों को संगठित होकर चंद्रशेखर आज़ाद के सपने को पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ना होगा। हम सबको मिलकर चंद्रशेखर आज़ाद की विरासत को आगे बढ़ाना होगा यही उनकी सच्ची श्रद्धांजलि होगा।
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