प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी (Rabri Devi) और उनके बेटे तेजप्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) से एक गंभीर लैंड फॉर जॉब घोटाले (Land For Job Scam) के सिलसिले में पूछताछ की। यह मामला मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा हुआ है। ईडी के अधिकारियों ने राबड़ी देवी से जमीन अधिग्रहण और नौकरी के बदले जमीन लेने वालों के बारे में विस्तृत जानकारी मांगी।
ED ने राबड़ी से पूछे ये सवाल
- जमीन का अर्जन: “आपके नाम से जो जमीन है, वह आपने कैसे अर्जित की?”
- नौकरी के बदले जमीन: “जिन लोगों से आपने नौकरी के बदले जमीन ली, उन्हें आप कैसे जानती हैं?”
- पहली मुलाकात: “आप इन लोगों से पहली बार कब मिलीं?”
- नौकरी के लिए पैरवी: “क्या आपने इन लोगों को नौकरी दिलाने के लिए कोई पैरवी की थी?”
- तेजस्वी यादव का बंगला: “दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में तेजस्वी यादव द्वारा खरीदी गई बंगले के बारे में आपको क्या जानकारी है?”
- पटना का अपार्टमेंट: “पटना के सगुण स्थित अपार्टमेंट का निर्माण कब शुरू हुआ और इस निर्माण में लगी राशि का सोर्स क्या था?”
Also Read- जमीन के बदले नौकरी मामला: लालू यादव और परिवार की मुश्किलें बढ़ीं, ED ने जारी किया समन
तेजप्रताप यादव की भी हुई पूछताछ
ईडी ने राबड़ी देवी के बेटे तेजप्रताप यादव से भी इस मामले में पूछताछ की है। ईडी की जांच एजेंसी ने दोनों से अलग-अलग समय और जगह पर सवाल किए। इस पूछताछ के जरिए एजेंसी लैंड फॉर जॉब घोटाले में अहम सबूत जुटाने की कोशिश कर रही है।
परिवार पर भी कार्रवाई
ईडी ने इस मामले में लालू प्रसाद यादव और उनके कुछ परिवार के सदस्यों को समन भेजा है। लालू यादव को कल पटना स्थित ईडी के जोनल ऑफिस में पूछताछ के लिए बुलाया गया है। इससे पहले, ईडी ने दिल्ली की एक अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया था, जिसमें राबड़ी देवी, मीसा भारती और हेमा यादव के अलावा कुछ अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया था।
क्या है लैंड फॉर जॉब स्कैम?
यह घोटाला 2004-2009 के दौरान रेलवे में समूह डी की नियुक्तियों से संबंधित है। उस समय लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे। सीबीआई की प्राथमिकी के अनुसार, अभ्यर्थियों को रेलवे में नौकरी देने के बदले में रिश्वत के रूप में जमीन दी गई थी। ईडी ने इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया है, जो सीबीआई की शिकायत पर आधारित है।