प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार सुबह दिल्ली के ओखला स्थित अल-फलाह ट्रस्ट और फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी (ALFalah University) से जुड़े 24 स्थानों पर अचानक छापेमारी की। यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग (PMLA) से जुड़े मामलों में की गई है। जांच एजेंसी का मानना है कि यूनिवर्सिटी और उसके प्रबंधन ने वित्तीय गड़बड़ियों को बड़े पैमाने पर अंजाम दिया है। छापेमारी में दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य जुटाने पर जोर दिया गया है।
यूनिवर्सिटी और कंपनियों में वित्तीय अनियमितताएं
जांच में सामने आया है कि अल-फलाह ग्रुप से जुड़ी 9 कंपनियां एक ही पते पर रजिस्टर्ड हैं और शुरुआती जांच में इनके शेल कंपनी होने के संकेत मिले हैं। इन कंपनियों में एक ही मोबाइल नंबर, ईमेल और डायरेक्टर पाए गए। बैंक स्टेटमेंट में कर्मचारियों को सैलरी ट्रांसफर बेहद कम दिखी और EPFO व ESIC में कोई रिकॉर्ड नहीं मिला। ऐसे कई संकेत मिले हैं कि कंपनियों को केवल कागजों में बड़ी दिखाया गया था।
एजेंसी ने जब्त किए महत्वपूर्ण दस्तावेज
सूत्रों के अनुसार, ईडी ने मुख्य दफ्तर, यूनिवर्सिटी कैंपस और प्रबंधन से जुड़े निजी ठिकानों से बैंक रिकॉर्ड, लैपटॉप, मोबाइल और अन्य डिजिटल उपकरण जब्त किए हैं। दिल्ली पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने सुरक्षा बढ़ा दी है। एजेंसी ने कहा है कि आगामी समय में और भी ठिकानों पर कार्रवाई हो सकती है। फिलहाल किसी गिरफ्तारी की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
विदेशी फंडिंग और PMLA के तहत मामला
कुछ महीनों पहले ही ईडी ने अल-फलाह यूनिवर्सिटी और उसके संचालकों के खिलाफ PMLA के तहत मामला दर्ज किया था। आरोप है कि यूनिवर्सिटी के नाम पर करोड़ों की अवैध फंडिंग की गई, विदेशी दान (FCRA) नियमों का उल्लंघन हुआ और संपत्तियों के गलत इस्तेमाल से काले धन को वैध किया गया। एजेंसी इस मामले में बड़े खुलासे की संभावना जता रही है।

















































