प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओडिशा यूनिट में कार्यरत उप-निदेशक चिंतन रघुवंशी (Chintan Raghuvanshi)
को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया है। अधिकारी पर आरोप है कि उन्होंने एक खनन व्यवसायी से 50 लाख की मांग की थी, जिसमें से 20 लाख की पहली किस्त लेते समय उन्हें पकड़ा गया। यह रकम एक केस खत्म करने के लिए मांगी गई थी।
सुनियोजित ऑपरेशन में फंसे अधिकारी
CBI ने एक सोची-समझी रणनीति के तहत रघुवंशी को भुवनेश्वर के शाहिद नगर इलाके में गिरफ्तार किया। CBI अधिकारियों ने बताया कि यह कार्रवाई एक स्टिंग ऑपरेशन का हिस्सा थी, जिसमें नकदी को रंग-कोडित कर जाल बिछाया गया था। अधिकारी को पकड़ने के लिए सारे सबूत पहले से जुटाए गए थे।
2 करोड़ की मांग
चिंतन रघुवंशी, जो 2013 बैच के IRS अधिकारी हैं, पर आरोप है कि उन्होंने ओडिशा के धेनकानाल में स्थित खनन व्यवसायी रतिकांत राउत उर्फ ‘जुलू’ से कानूनी राहत देने के बदले 2 करोड़ की मांग की थी। यह मांग ED की जनवरी 2025 में की गई छापेमारी के बाद रखी गई थी, जिसमें व्यवसायी के 14 स्थानों पर तलाशी ली गई थी।
CBI ने की कार्रवाई
व्यवसायी की शिकायत पर CBI ने तुरंत संज्ञान लेते हुए साक्ष्य जुटाए और जाल बिछाया। गिरफ्तारी के बाद रघुवंशी को पूछताछ के लिए CBI दफ्तर लाया गया। अधिकारियों ने बताया कि उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
ED पर उठे
इस घटना ने न केवल प्रवर्तन निदेशालय की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि यह भी उजागर किया है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ निगरानी एजेंसियां अब अपने ही भीतर सफाई अभियान चला रही हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी की गिरफ्तारी ने ED की छवि को धक्का पहुँचाया है।
जांच में जुटी CBI
CBI अब यह पता लगाने में लगी है कि क्या इस पूरे मामले में और कोई अधिकारी या बिचौलिया भी शामिल था। साथ ही चिंतन रघुवंशी के कॉल रिकॉर्ड, बैंक ट्रांजैक्शन और संपत्तियों की भी बारीकी से जांच की जा रही है। एजेंसी का कहना है कि मामले में और भी खुलासे जल्द हो सकते हैं।