उत्तर प्रदेश पुलिस को आगरा जिले में बड़ी सफलता हाथ लगी है. दरअसल, आगरा जिले में डॉक्टर उमाकांत गुप्ता के अपहरण में शामिल और फिरौती की मांग करने वाला एक लाख का इनामी बदमाश बदन सिंह थाना जगनेर के कछपुरा क्षेत्र में मुठभेड़ में अपने एक साथी के साथ मारा गया है. इस मुठभेड़ के दौरान एसएसपी आगरा एवं एसपी वेस्ट व अन्य अधिकारियों की बुलेट प्रूफ जैकेट में गोली लगी है. इसके साथ ही दो अन्य पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं. ये एनकाउंटर बेहद ही फ़िल्मी अंदाज में हुआ.
फ़िल्मी अंदाज में हुआ एनकाउंटर
जानकारी के मुताबिक, SSP मुनिराज जी का दावा है कि डॉक्टर की किडनैपिंग मामले में फरार चल रहे एक लाख के इनामी बदमाश बदन सिंह और उसका साथी अक्षय सिंह से रात करीब एक बजे मुठभेड़ शुरू हुई. पुलिस जगनेर थाना क्षेत्र के कठपुरा इलाके में चेकिंग कर रही थी. इसी दौरान बदन और अक्षय बाइक से तेज रफ्तार में आते दिखे. पुलिस ने उन्हें रोका तो वो तेज रफ्तार में ही भाग निकले. मौके पर तैनात पुलिस ने कंट्रोल रूम को इसकी सूचना दी। SSP मुनिराज, SP ग्रामीण सत्यजीत गुप्ता, SOG और स्वाट की टीमें तुरंत अलर्ट हो गईं. सभी बदमाशों के पीछे लग गईं. पुलिस से घिरता देख बदन सिंह ने बाइक कछपुरा के जंगल की तरफ मोड़ दी. आगे उनकी बाइक फिसल गई. SSP का दावा है कि बड़ी संख्या में पुलिस बल को देखने के बावजूद दोनों ने फायरिंग शुरू कर दी.
जवाबी फायरिंग में पहले एक बदमाश को गोली लगी, जबकि एक आगे की तरफ भाग निकला. घायल बदमाश को पुलिस अस्पताल ले गई जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया. दूसरी तरफ पुलिस की बाकी टीमें दूसरे बदमाश का पीछा करने लगी. कुछ दूरी पर उसने भी पुलिस पर फायरिंग कर दी और जवाबी फायरिंग में वह भी मारा गया. एनकाउंटर में पुलिस टीम के दो सदस्यों के घायल होने का भी दावा किया गया है.
SOG टीम ने एक आरोपी की शिनाख्त धौलपुर निवासी शातिर बदमाश एक लाख के इनामी बदन सिंह और दूसरे की अक्षय के रूप में की है. इस एनकाउंटर के दौरान SSP मुनिराज और SP वेस्ट सत्यजीत गुप्ता के बुलेट प्रूफ जैकेट में गोली लगी है और दो पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं. उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
गिरफ्तारी के लिए लगी थी टीमें
बता दें कि ट्रांसयमुना कॉलोनी निवासी डॉ. उमाकांत गुप्ता के अपहरण की साजिश धौलपुर के बदमाश बदन सिंह ने रची थी. उसकी साथी युवती संध्या उर्फ मंगला ने अंजलि बनकर डॉक्टर से बात की थी. उनसे नौकरी के बहाने मिली थी. इसके बाद अगवा कर ले गई थी. डॉक्टर को 31 घंटे बाद ही पुलिस ने मुक्त करा लिया था. बदन सिंह दस्यु केशव गुर्जर के लिए काम करता था. बदन सिंह की गिरफ्तारी के लिए भी टीमें लगी हुई थीं.
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