PFI को हुई 100 करोड़ से अधिक की फंडिंग, गैरकानूनी गतिविधियों में इस्तेमाल हो रहा पैसा: ED

पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने गुरुवार को केरल की एक अदालत को बताया कि उसकी अबतक की जांच में खुलासा हुआ है पिछले कुछ सालों में पीएफआई के बैंक खातों में 100 करोड़ रुपए से अधिक की राशि आई है। ईडी ने पीएफआई की छात्र शाखा के नेता के ए रऊफ शरीफ की हिरासत बढ़ाने की मांग की।


देश में गैरकानूनी गतिविधियों में इस्तेमाल हो रहा था पैसा


ईडी की याचिका पर विचार करते हुए अदालत ने रऊफ शरीफ की हिरासत तीन दिन के लिए और बढ़ा दी है। उसकी सात दिन की ईडी की हिरासत गुरुवार को समाप्त हो गई थी, जिस कारण उसे अदालत में पेश किया गया था। ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में रऊफ को गिरफ्तार किया। एजेंसी ने आरोप लगाया कि पीएफआई और इससे जुड़ी सीएफआई जैसी संस्थाएं लगातार मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल हैं और इस पैसे का इस्तेमाल देशभर में गैरकानूनी गतिविधियों में किया जाता रहा है।


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ईडी ने यह भी कहा कि रऊफ जानबूझकर जांच में सहयोग नहीं कर रहा है और उसके देश से फरार होने की कोशिश उसके मनी लॉन्ड्रिंग गतिविधि में शामिल होने का संकेत देती है। सुनवाई के दौरान रऊफ ने कोर्ट में जांच एजेंसी पर मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया। इस पर जज ने ईडी को ऐसा दोबारा नहीं होने देने को लेकर आगाह किया।


2013 से अपराधों में शामिल रहा है पीएफआई


पीएफआई के बैंक खातों में आई रकम का खुलासा ईडी ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग मामलों के लिए विशेष अदालत में किया। अपने हलफनामे में ईडी ने कहा कि इस राशि के स्रोत और संवितरण जांच के दायरे में है। पीएफआई के बैंक खातों में जमा 100 करोड़ से अधिक रकम का बड़ा हिस्सा नकदी के तौर पर जमा कराया गया।


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ईडी ने यह भी आरोप लगाया कि 2013 से पीएफआई विभिन्न अपराधों में शामिल रहा है और 2014 के बाद रकम हस्तांतरण और नकदी जमा में काफी बढ़ोतरी हुई। जांच में यह भी पता चला कि पीएफआई दिसंबर 2019 से फरवरी 2020 की अवधि के दौरान नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों और इन्हें पैसा मुहैया कराने में शामिल रहा है।


सामने आई पीएफआई की राजनीतिक विंग एसडीपीआई की संलिप्तता


जांच एजेंसी ने इस साल फरवरी में हुए दिल्ली दंगों में भी पीएफआई सदस्यों की संलिप्तता और भूमिका का जिक्र किया है। साथ ही कहा कि बंगलूरू शहर में हाल में हुई हिंसा में भी पीएफआई के लिंक के संकेत मिले हैं। इसमें पीएफआई की राजनीतिक विंग एसडीपीआई की संलिप्तता पाई गई है।


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एजेंसी ने यह भी कहा कि पीएफआई पहले भी कानून व्यवस्था बिगाड़ने जैसे विभिन्न अपराधों में शामिल रहा है। ईडी ने देशभर में पीएफआई के कार्यालयों, अधिकारियों के कार्यालयों और आवासों पर छापा मारा था। इस दौरान उसने आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल डिवाइस जब्त की थी। उसका आरोप है कि पीएफआई ने विदेशों से बड़ी मात्रा में पैसा जुटाया।


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